दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने अन्तरिम आदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और उनके कई प्रमुख नेताओं द्वारा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रसारित मानहानिकारक सामग्रियों को हटाने का निदेश दिया है।
एलजी ने आप और उनके 5 नेताओं (आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह) के खिलाफ हाई कोर्ट में ट्वीटर हैन्डल पर कथित झूठे, विवादित, आपत्तिजनक बयानों वाली पोस्ट, वीडियो पर आवेदन दायर करते हुए, उन्हें हटाने के निर्देश के साथ-साथ उन पर ब्याज सहित 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की थी।भविष्य में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मानहानि बयानबाजी के आरोप लगाने से रोकने का भी आग्रह किया था।
दिल्ली आप विधायक दुर्गेश पाठक ने दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल पर 1400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार, घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था कि सक्सेना जब बतौर खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन (अध्यक्ष)थे, तब उन्होंने नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद कराया(घोटाला) था। इसके अलावा उन पर कर्मचारियों के वेतन में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया गया।और सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना और सांसद संजय सिंह समेत कई नेताओं ने एलजी पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किए थे। सक्सेना को चोर और भ्रष्टाचारी कहा गया।