रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखण्ड गठन के बाद 22 वर्षों की बड़ी अवधि बीत जाने के बाद भी देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक का मंडल कार्यालय पटना से ही झारखण्ड की शाखाओं का संचालन करता है. रांची में इसकी स्थापना नहीं होने के कारण झारखण्ड को कई नीतिगत, व्यापारिक, आर्थिक एवं व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और इसके कारण ना केवल सरकार बल्कि आम लोगों के सामने भी कई परेशानियां बरकरार है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे गये एक पत्र में श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में भारतीय स्टेट बैंक की कुल 567 शाखाएं कार्यरत हैं और पटना मंडल की पांच सबसे बड़ी शाखाएं धनबाद, जमशेदपुर, रांची और डोरंडा शाखा झारखण्ड में ही है. इसके साथ ही यह तथ्य भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है कि पटना मंडल के कुल कारोबार का 40 प्रतिशत झारखण्ड में ही होता है. लेकिन फिर भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से पटना मंडल के अधीन होने के कारण सही समय पर सही निर्णय नहीं होता और इसका खमियाजा न केवल झारखण्ड सरकार बल्कि आम लोगों को भी गहराई तक भुगतना पड़ रहा है. श्री तिर्की ने कहा कि इसका नकारात्मक प्रभाव झारखण्ड के साथ ही देश के आर्थिक विकास पर भी पड़ रहा है.
राजस्व संग्रहण का लाभ झारखण्ड को मिलना चाहिए
श्री तिर्की ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक का कारपोरेट कार्यालय मुंबई में है और आज सत्रह मंडल कार्यालय पूरे देश में कार्यरत हैं जबकि 2013 में मंडल कार्यालयों की संख्या 13 थी. झारखण्ड की 567 शाखाओं की तुलना में, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश में एसबीआई की कहीं कम शाखाएँ हैं लेकिन फिर भी उन प्रदेशों की शाखाओं का प्रबंधन बेंगलुरु, तिरुअनंतपुरम और हैदराबाद मंडल कार्यालय के माध्यम से किया जाता है. दूसरी ओर बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक के स्थानीय प्रधान कार्यालय झारखण्ड में ही हैं. श्री तिर्की ने कहा कि रांची में मंडल कार्यालय नहीं होने के कारण, बैंक के अधिकारियों द्वारा नीतिगत निर्णय लेने में देरी होती है और अनेक प्रकार की कठिनाइयां भी सामने आती है. इससे झारखण्ड और यहां के निवासियों के हितों की व्यापक पैमाने पर अनदेखी होती है. इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न शाखाओं द्वारा गृह ऋण की स्वीकृति, व्यावसायिक ऋण को स्वीकार करने, विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पदस्थापन में जातिगत भेदभाव एवं पक्षपातपूर्ण व्यवहार के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कर राजस्व संग्रहण का लाभ भी झारखण्ड राज्य की बजाय बिहार को प्राप्त होता है. श्री तिर्की ने कहा कि, मंडल कार्यालय पटना में होने के कारण रिजर्व बैंक का मुद्रा कोष, पेंशन प्रसंस्करण इकाई अभी वहीं अवस्थित है जिसका नकारात्मक प्रभाव झारखण्ड के विकास पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में मंडल कार्यालय की स्थापना इसलिए भी बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी के बाद झारखण्ड के स्थानीय निवासी एवं मूलवासी कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर विराम लग सकता है.
झारखण्ड पूरे देश के लिए इंडस्ट्रियल हब है
श्रीमती सीतारमन से रांची में भारतीय स्टेट बैंक के मंडल कार्यालय की अविलम्ब स्थापना करने का अनुरोध करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि, इसके कारण न केवल झारखण्ड में औद्योगिक, आर्थिक एवं व्यावसायिक विकास के नए दरवाजे खुलेंगे बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार का भी सृजन होगा जिसका प्रत्यक्ष लाभ झारखण्ड को तो मिलेगा ही साथ ही देश के विकास पर भी इसका बहुत ही सकारात्मक असर होगा क्योंकि वर्तमान दौर में झारखण्ड पूरे देश के लिए इंडस्ट्रियल हब है और अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जिसके विकास की असीम संभावनाएं झारखण्ड में ही है बजाय देश के किसी अन्य क्षेत्र के.