दीपावाली और काली पूजा को देखते हुए राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है।
इसके अलावे वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए झारखण्ड सरकार के निदेशानुसार भीड़-भाड़ व सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी या पटाखे जलाने पर रोक लगायी गयी है।
इन पटाखों से होने वाले प्रदूषण से संक्रमण के खतरे की बढ़ने की संभावना के साथ संक्रमित मरीजों के लिए पटाखों का धुंआं काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में अपने घरों पर निजी स्थानों पर आतिशबाजी या पटाखे को फोड़ने को लेकर राज्य सरकार द्वारा जल्द हीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आलोक में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा।
जिला प्रशासन द्वारा जिलावासियों से आगामी त्योहारों को आपसी सौहार्द एवं शांतिपूर्ण वातावरण में मनाने की अपील करते हुए कहा गया है राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश का भी अनुपालन करें।
राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन….:
● सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने की इजाजत नहीं होगी।
● काली पूजा का आयोजन अपने घर या मंदिरों में किया जा सकता है।
● छोटे पंडाल में भी आयोजित किया जा सकता है जहां हमेशा से पूजा होता आया है।
● काली पूजा पंडाल या मंडप को चारों तरफ से घेराव कर पूजा करना है, ताकि किसी की भी एंट्री नहीं हो सकेगी।
● काली पूजा के पंडाल में सिर्फ 15 लोग ही अंदर जा सकेंगे।
● मास्क एवं छह फीट की दूरी बनाते हुए लोग बैरिकेटिंग के बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे।
● छह फीट की दूरी को लेकर स्पेशल मार्किंग पंडालों में पूजा आयोजकों द्वारा किए जाएंगे।
● पूजा पंडाल के आसपास किसी तरह की कोई लाइटिंग, साज – सज्जा नहीं होगी।
● किसी तरह का कोई स्वागत द्वार नहीं लगेगा, सिर्फ जहां पूजा होगा वहीं होगा। जबकि शेष खुला रहना है।
● माइक सिस्टम सुबह 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक 55 डेसीबल से ज्यादा नहीं बजाना है और सिर्फ आरती और मंत्र पढ़ते वक्त ही माइक सिस्टम लगाना है।
● किसी तरह का कोई मेले का आयोजन नहीं होगा। किसी तरह का कोई फूड स्टाल नहीं लगाया जाएगा।
● किसी तरह का विसर्जन का जुलूस नहीं निकलेगा। विसर्जन जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही किया जाएगा।
● किसी तरह का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा।
● किसी तरह का कोई प्रसाद, चरणामृत आदि के वितरण पर रोक रहेगी।
● पूजा आयोजकों की ओर से आमंत्रण पत्र बांटने पर पाबंदी रहेगी, किसी तरह का सार्वजनिक आयोजन करने पर रोक रहेगी।
● पंडालों का किसी तरह का कोई उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होगा।
● फेस कवर, मास्क का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर छह फीड की दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
★ नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिले वासियों से अपील है कि सभी लोग घरों में रहकर ही दिवाली मनाए एवं कोशिश करें कि पूजा पंडालों में ना जाएं एवं भीड़भाड़ से बचें, आम जनता भीड़भाड़ वाले स्थानों पर फेस कवर मास्क का उपयोग अवश्य करें एवं दिवाली आपसी सौहार्द तथा प्रेम से मनाएं।