12.1 C
New Delhi
Monday, December 23, 2024
HomeBiharबिहार - पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के मायने

बिहार – पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के मायने

आज बिहार में राजनितिक गहमागहमी का दिन था , कारन एक राजनितिक गिरफ़्तारी रही .जी हाँ पप्पू यादव की गिरफ़्तारी की बात कर रहा हूँ. पप्पू यादव की गिरफ़्तारी का दबाव बिहार सरकार पर उसी दिन बन गयी थी जिस दिन उन्होंने छपरा के संसद राजीव प्रताप रूढ़ि जी के निवास पर 40 छुपाये गए एम्बुलेंस को उजागर किया गया था . सरकार गिरफ़्तारी के बहाना ढूंढ रही थी और 32 साल पूर्व का मामला को लेकर गिरफ़्तारी कर ली गयी , .. लेकिन नितीश कुमार बिना नफा नुकसान सोचे ऐसा कदम नहीं उठा सकते थे .गिरफ़्तारी के मायने क्या है , सोचने की बात है प्रथम तो अगर पप्पू यादव बहार रहते तो वो बिहार सरकार को रोज ऐसे कई अव्यवस्थाओ को उजागर कर फजीहत में लाते रहते , दूसरे पप्पू यादव की लोकप्रियता बढ़ रही थी एवं भाजपा की किरकिरी कुछ ज्यादा हो रही थी क्योंकि रूढ़ि जी के प्रकरण के अलावा बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी भाजपा के ही है . इसलिए नीतीशजी पर पूर्ण दबाव बनाया गया , तब नीतीशजी अपने राजनितिक लाभ हानि के बारे में यह भी सोंचे ही होंगे की गिरफ़्तारी से भले ही पप्पू यादव को राजनीतक रूप से लाभ मतलब की बिहार की जनता का सहानुभूति मिलेगी . लेकिन इसमें उन्हें यह भी समझ होगी की पप्पू यादव के उथान से तेजस्वी यादव को कुछ न कुछ हानि तो होगी , इसी राजनितिक लाभ की गणना के उपरांत पप्पू यादव की गिरफ़्तारी हुई है , बिहार सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के साथ साथ कुछ राजनितिक लाभ भी लेने की सोच के साथ गिरफ़्तारी की गयी है | नीतीशजी इस बात को कहते रहे है की वो किसी को न तो बचाते है और न ही फंसाते है | लेकिन अब खुद अपनी मर्जी का निर्णय भी नहीं ले सकते लेकिन इस उठा पटक का लाभ तो नीतीशजी को नहीं मिलेगा हानि होनी निश्चित है

लेख – सुवीर कुमार परदेशी

Most Popular

Recent Comments