समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री चंदन झा ने संयुक्त रूप से किया जिला स्तरीय शांति – समिति की बैठक, समिति सदस्य, सभी प्रशासनिक पदाधिकारी/बीडीओ/सीओ, पुलिस पदाधिकारी/थाना प्रभारी, विभिन्न पूजा समितियों के प्रतिनिधि आदि हुए शामिल* समाहरणालय सभागार में सोमवार को *उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक श्री चंदन झा* की अध्यक्षता में *दुर्गा पूजा को लेकर जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक* आयोजित की गई। बैठक में *उप विकास आयुक्त श्री जय किशोर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता श्री सदात अनवर, एसडीओ चास श्री दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, एसडीओ बेरमो श्री अनंत कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार, जिला भूमि उप समाहर्ता श्री जेम्स सुरीन, विशेष कार्य पदाधिकारी श्री विवेक सुमन, मुख्यालय डीएसपी, एसडीपीओ चास, एसडीपीओ बेरमो, डीएसपी सिटी, सभी बीडीओ/सीओ, पुलिस निरीक्षक, थाना प्रभारी आदि* उपस्थित थे। मौके पर अपने संबोधन में *उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी* ने कहा कि कोरोना संक्रमण के संभावित तीसरे लहर को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है। इसलिए सभी सजग एवं सर्तक रहें। किसी भी तरह की कोई चूक किसी भी स्तर से नहीं हो इसे सुनिश्चित करना है। राज्य आपदा विभाग द्वारा दुर्गा पूजा को लेकर जो गाइड लाइन जारी किया गया है, उसका पालन सभी पूजा समितियों को करना है। इसमें किसी भी तरह की कोई ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में त्योहार मनाने को लेकर जिलेवासियों से सहयोग की अपील किया । *उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी* ने कहा कि कोरोना संक्रमण का प्रसार नहीं हो इस उद्देश्य से पूर्व की भांति इस बार भी किसी तरह के भोग/प्रसाद का वितरण सामूहिक रूप से नहीं किया जाएगा। हालांकि, पूजा समितियां चाहे तो भोग/प्रसाद की होम डिलिवरी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए भोग/प्रसाद बनाकर श्रद्धालुओं के घर होम डिलिवरी करना होगा। साथ ही, पूजा पंडालों में 18 वर्ष के नीचे के किशोर – किशोरी का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसे पूजा समितियां सुनिश्चित करेंगी। सभी पूजा समितियों को 18 वर्ष से ऊपर के वॉलंटियर रखने का निर्देश दिया। *उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी* ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है, हमें अभी और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से ही हम इस कोरोना माहामारी आपदा को देख रहे हैं। यह कितना नरसंघारी/विनाशकारी हैं, इसे हमने देखा है। पल भर में किसी परिवार की हंस्ती – खेलती दुनिया को उजार देती है, वर्तमान समय काफी संवेदनशील है। जिले में टीकाकरण का कार्य प्रगति पर है, इसे और गति भी दी जा रही है। ऐसे में जिलावासियों से अपील है कि वे अपने परिवार, समाज की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए त्योहार/उत्सव को मनाएं। मौके पर *पुलिस अधीक्षक श्री चंदन झा* ने भी दोहराते हुए कहा कि सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का अनुपालन करना है। समझना होगा कि सरकार के यह दिशा – निर्देश आम लोगों की बेहतरी के लिए ही जारी किया गया है। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों/थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने – अपने क्षेत्र में गस्ती बढ़ाया। भ्रमण कर जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल जिला को उपलब्ध है। उन्होंने किसी भी तरह की कोई असामाजिक गतिविधि होती है तो उसकी सूचना तत्काल स्थानीय थाना/प्रशासन को देने की बात कहीं। त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। *उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक श्री चंदन झा ने सभी पूजा समितियों को दुर्गा पूजा की अग्रिम शुभकामनाएं दी ।* इससे पूर्व *अपर समाहर्ता श्री सादात अनवर ने राज्य सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के संबंध में विस्तार से पूजा समिति सदस्यों/ शांति समिति सदस्यों/ बीडीओ/सीओ, थाना प्रभारियों को दी। मौके पर एसडीओ चास श्री दिलीप प्रताप सिंह शेखावात, एसडीओ बेरमो श्री अनंत कुमार आदि* ने भी संबोधित किया और जरूरी जानकारी दी। ————————————-*राज्य सरकार द्वारा दुर्गापूजा 2021 के संबंध में जारी दिशा-निर्देश निम्न है।* – श्रद्धालु कोशिश करें कि अपने घर में ही पूजा मनाएं। दुर्गा पूजा विशेष रूप से बनाएं गए छोटे पंडालों/मंडपों में की जा सकती है, जहां यह पारंपरिक रूप से किया जाता है। कंटेनमेंट जोन के बाहर पूजा पंडाल के निर्माण की अनुमति है। दुर्गा पूजा पंडाल / मंडप सभी तरफ से बैरिकेडिंग किया जाएगा और आगंतुकों के प्रवेश को रोकने के लिए तीन तरफ से कवर किया जाएगा । भक्त बैरिकेड्स के बाहर दूर से ही दर्शन कर सकते हैं। पंडाल / मंडप का निर्माण किसी विषय (थीम) पर नहीं किया जाएगा। पूजा पंडाल / मंडप के आसपास के क्षेत्र में प्रकाश द्वारा कोई सजावट नहीं की जाएगी। सुरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्य से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था की अनुमति है। पूजा पंडाल / मंडप में और उसके आसपास कोई स्वागत द्वार/तोरण द्वार नहीं बनाया जाएगा। प्रतिमा स्थापना स्थल को छोड़कर शेष पंडाल का स्थान खुला रहेगा । मूर्ति का आकार 5 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए । ध्वनि विस्तारक / माईक का उपयोग ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के अनुपालन में मंत्र/पाठ/आरती के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति दी जा सकती है। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से टेप/ऑडियो/डिजिटल रिकॉर्डिंग का कोई प्रसारण नहीं किया जाएगा । पूजा पंडाल में उपस्थित रहने वाले सभी पूजा समिति के सदस्य/ पुजारी/स्वयंसेवक यह सुनिश्चित करेंगे कि कि उन्हें कम से कम एक टीका COVID-19 का लग गया है। इस अवसर पर कोई मेला आयोजित नहीं किया जाएगा। दुर्गा पूजा पंडाल/ मंडप में और उसके आसपास कोई भी फूड स्टॉल नहीं खोला जाएगा। एक समय में दुर्गा पूजा पंडाल/मंडप में आयोजकों, पुजारियों और सहयोगी स्टाफ सहित 25 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं होंगे। विसर्जन जुलूस नहीं होगा। मूर्तियों को इस प्रयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनुमोदित स्थान (स्थानों) पर विसर्जित किया जाएगा। कोई संगीतमय या कोई अन्य मनोरंजन/ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। कोई सामुदायिक भोग/प्रसाद या भोग वितरण समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा। प्रसाद की होम डिलीवरी किया जा सकता है । आयोजकों/पूजा समितियों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई आमंत्रण जारी नहीं किया जाएगा। पंडाल / मंडप के उद्घाटन के लिए कोई सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। पंडाल निर्माण के लिए किसी भी तरह की सड़क जाम नहीं की जाएगी। किसी भी सार्वजनिक स्थान पर गरबा/डांडिया कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। पूजा के दौरान रावण दहन का आयोजन वर्जित रहेगा। सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवर / मास्क पहनना अनिवार्य है । पंडाल में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को उपस्थित नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाये रखना आवश्यक है। पूजा पंडाल / मंडप में उपस्थित होने वाले व्यक्ति केंद्र/राज्य सरकार/जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता के सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन करेंगे । दंडात्मक प्रावधान- इन उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति/पूजा समिति पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है, इसके अलावे आई.पी.सी की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जायेगी ।