विद्यार्थियों का कठिन परिश्रम ही उन्हें ऊंचाइयों पर ले जाता है। आत्मविश्वास के साथ विद्यार्थी समय का सदुपयोग करें और प्राथमिकता तय करते हुए एकाग्रचित्त होकर अपनी पढ़ाई करें, तो अवश्य सफलता मिलेगी। विद्यार्थी अपने अंदर की कमजोरी को छूपायें नहीं। शिक्षण कार्य की गहराई एवं कमजोरी का स्वयं मूल्यांकन कर आगे बढ़े। विघार्थी अपने-आप को रोल मॉडल बनाएं। ईमानदारी पूर्वक मेहनत करेंगे, तो सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा। यह बातें आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने कही। वे आज योध सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय में छात्राओं के लिए आयोजित मोटिवेशनल कार्यक्रम में बोल रहे थे। आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता पढ़ाई करने के तौर-तरीके, ग्रहण करने की शक्ति पर भी निर्भर करता है। अपनी क्षमता के अनूरूप सपने देखें और अपने-आप का मूल्यांकन कर उसके अनुरूप कार्य करें। उन्होंने छात्राओं को ग्रुप बनाकर पढ़ाई करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ग्रुप में पढ़ाई करने से चीजें स्पष्ट होती है और हेजिटेशन भी दूर होता है। विद्यार्थियों में आत्मविश्वास होनी चाहिए। क्या करें? और क्या नहीं! विद्यार्थी अपने लिए नियम बनायें और उसका कड़ाई से पालन करें। कोई भी चीज ‘कल पर नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कल कभी नहीं आता। आयुक्त ने विघार्थियों को कहा कि तनाव सकारात्मक होने से वह सफलता के लिए प्रेरित करता है। नकारात्मक तनाव प्रगति में अवरोध पैदा करती है। उन्होंने कहा कि खुद में समझ विकसित करें। अपनी शक्ति/ताकत को पहचानें और आत्ममंथन कर आगे बढ़ें। आयुक्त ने शिक्षण कार्य में सोशल मीडिया के सदुपयोग पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण उपयोग पढ़ने में सहायक है। उन्होंने पढ़ाई में पुस्तकालय एवं समाचार पत्रों के संपादकीय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पलामू के प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय को सुदृढ़ किया गया है, ताकि विघार्थियों को पढ़ाई में सुविधा मिले। संपादकीय से बुद्धि बढ़ता है और भाषा भी शुद्ध होता है। आयुक्त ने छात्राओं के प्रश्नों का भी जवाब सरल तरीके से दिया। प्रति कुलपति प्रो. दीपनारायण यादव ने कहा कि सभी विद्यार्थियों में स्किल है। उसे पहचानने की जरूरत है। उन्होंने उपलब्ध संसाधन में ही क्षमता का विकास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों में अपार क्षमता है। पढ़ने की ललक होनी चाहिए और कैरियर का सही चुनाव होने से सफलता मिलेगी। उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के दौर को याद कराते हुए कहा कि आपदा के साथ-साथ अवसर भी आया। व्यवस्थाएं ऑनलाइन हुई। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था के तहत कक्षाओं का भी संचालन हो रहा है। अॉनलाइन व्यवस्था से शिक्षकों की कमी को पाटने में सहुलियत हुई। उन्होंने कहा कि कैरियर की चुनाव अपनी रुचि से करें और अपने आप में विश्वास करें।मौके पर महाविद्यालय की प्रचार्या डॉ. मोहिनी गुप्ता, डॉ. विजय प्रसाद सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे। संचालन डॉ. सुप्रीता सोनालिका ने किया।