शराब दुकानों में किसकी शह पर कुचला जा रहा है कानून, झरिया के सौरभ शर्मा ने धनबाद विधायक राजसिन्हा को दिया पत्र
धनबाद: धनबाद व अन्य जिलों की शराब दुकानों में इन दिनों अंधेरगर्दी व मनमानी चल रही है. ग्राहकों से शराब की कीमतें प्रिंट रेट से ज्यादा वसूली जा रही है. उपभोक्ता कानून को तो शराब विक्रेता पैरों तले कुचल ही रहे हैं. साथ ही, अन्य कई तरह की अनियमितताएं भी कर रहे हैं.
इसे लेकर झरिया के युवा समाजसेवी सौरभ शर्मा धनबाद विधायक राज सिन्हा को उनके आवासीय कार्यालय में पत्र सौंपा. श्री शर्मा ने धनबाद विधायक को बताया कि कि धनबाद एवं बोकारो जिले में स्थित वाइन शॉप्स में विक्रेताओं द्वारा सरकार द्वारा तय मानकों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इस कारण जहां इन विक्रेताओं को प्रतिदिन करोड़ों का लाभ हो रहा है वहीं जनता को अतिरिक्त पैसे देने पड़ रहे हैं तथा सरकार की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है.
श्री शर्मा ने बताया है कि राज्य सरकार खासकर मद्य निषेध विभाग की प्रतिष्ठा को दांव पर लगाते हुए वाइन शॉप्स विक्रेता प्रति यूनिट वाइन पर ₹10 से ₹40 तक अतिरिक्त वसूली करते हैं। खरीददार द्वारा इसका विरोध करने पर उन्हें धमकी तक दी जाती है। खरीददार द्वारा शिकायत करने के सवाल पर विक्रेता यहां तक कहते हैं कि ऊपर से नीचे तक सब सेटिंग है। विक्रेताओं के इस रवैया से सरकार की कार्यप्रणाली पूरी तरह प्रभावित होती है।
बताया कि सरकार ने झारखंड में वाइंस बिक्री की जिम्मेवारी ए टू जेड नामक कंपनी को सौंपी है। उक्त कंपनी ने धनबाद एवं बोकारो में सुमित एंड कंपनी को सेल्समैन प्रतिनियुक्ति का जिम्मेवारी सौंपा है। तय मानकों के अनुसार इन सेल्समैन को वेतनमान नहीं मिलते। बाली के नाम पर प्रति सेल्समैन ₹50000 लेने तक का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी जांच कराई जाए तो परत दर परत भ्रष्टाचार की कलाई खुल जाएगी।
इसके अलावा बताया कि वाइन शॉप में सरकार के नियमानुसार वाइंस की बिक्री दर दुकान के बाहर टंगी होनी चाहिए जो नहीं होती है। सरकार द्वारा प्रत्येक दुकान में बिलिंग मशीन निर्धारित दर पर उपलब्ध कराई गई है जिसका उपयोग विक्रेता कभी भी नहीं करते।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सौरभ शर्मा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा के स्पीकर रवींद्र नाथ महतो, मद्य निषेध विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो, रांची स्थित उत्पाद विभाग के आयुक्त, धनबाद के डीसी व एसएसपी को शिकायक पत्र के माध्यम से की है.