कतरास में खुल गयी है हलधर की ‘नेकी की चाय दुकान’ कतरास: अब तक चाय की कई दुकानों की चर्चा आप लोगों ने सुनी होगी. यहां तक कि प्रधानमंत्री भी चाय वाले कहलाते हैं l कोई एमबीए चायवाला, तो कोई ग्रेजुएट चायवाली पर धनबाद जिले के कतरास में एक ऐसे चाय दुकान की शुरुआत हुई है जिसकी नाम है नेकी की चाय दुकान. जी हां, सही सुना आपने, नेकी की चाय दुकान नाम से प्रतीत होता है कि कुछ अच्छाई है इस चाय में तो आइए जानते हैं क्या और कैसी है नेकी की चाय दुकान हुआ कुछ ऐसा कि पिछले महीने कुछ असामाजिक तत्वों ने 20 साल से चाय की दुकान चलाने वाले हलधर की दुकान को आग लगा दी क्योंकि दुकान लकड़ी और बांस की थी, तो पूरी तरह से जलकर राख हो गई. यह वाकया कतरासबाजार के हटिया का है उसके बाद कई समाचार पत्रों में वहां इस आगजनी की खबर छपी, कई लोग मिलने आए, लेकिन हलधर को कोई मदद नहीं मिली. बताते चलें कि हलदर एक किराए के मकान पर अपनी धर्मपत्नी के साथ रहते हैं उनका बेटा बीटेक थर्ड ईयर कोलकाता से कर रहा है, जिसकी पढ़ाई का खर्चा बमुश्किल ही हलधर उठा पा रहे हैं. ऐसे में, दुकान जल जाना और प्रतिदिन 400 से ₹500 की कमाई रुक जाना मानो की पहाड़ जैसा हो गया. ऐसे में, जब कोई रास्ता नहीं दिखा, तब किसी ने हलधर को कतरास के ही जन्मे कोयला अधिकारी और पाठशाला के माध्यम से सैकड़ों बच्चों के भविष्य को संवारने वाले देव कुमार वर्मा के बारे में जानकारी दी l जब हलधर ने देव कुमार वर्मा से संपर्क किया गया तो देव कुमार वर्मा वहां पहुंचे उन्होंने वादा किया कि आप की दुकान फिर से बना कर देंगे और इस बार लकड़ी की नहीं इस बार लोहे और एस्बेस्टस की. फिर क्या दुकान में कार्य प्रारंभ हो गया देव कुमार वर्मा जी के दिशा निर्देश पर राजेश स्वर्णकार और किस्मत जी ने चार-पांच दिनों के अंदर दुकान करीब 34000 की लागत से दुकान की कायाकल्प कर दी l अब दुकान पहले से भी ज्यादा सुंदर लगने लगा और हलदर जी के अनुरोध पर देव कुमार वर्मा ने कहा कि इस दुकान का नाम नेकी की चाय दुकान रखा जाए ताकि लोगों को पता चले कि नेकी क्या होती है और हर किसी को क्यों जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. इस कार्य में लायंस क्लब कतरासगढ़ और पाठशाला ट्रस्ट के सहयोगियों ने भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई और दुकान की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद उद्घाटन भी देव कुमार वर्मा द्वारा हुआ l तो जब भी कोई दुकान पर चाय पीने आता है और दुकान का नाम नेकी की दुकान देखता है तो उसको पता चलता है की अच्छाई और नेकी हर जगह है और इससे चाय की मिठास और बढ़ जाती है.