सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से जाली उपकरण रोधक पोर्टल पर भारत में बिक्री बिक्री से पहले मोबाइल फोन के आइएमईआइ नंबर का भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल पर एक जनवरी 2023 से पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। दूरसंचार विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर निर्मित या आयातित सभी मोबाइल के लिए यह पंजीकरण अनिवार्य होगा और आइसीडीआर पोर्टल से इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट नंबर (आइएमईआइ) प्रमाणपत्र लेना होगा।अधिसूचना में कहा गया है,
“निर्माता मोबाइल फोन की पहली बिक्री से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ भारत में निर्मित प्रत्येक मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या पंजीकृत करेगा।” मोबाइल डिवाइस उपकरण पहचान संख्या 2022 की छेड़छाड़ की रोकथाम के तहत अधिसूचना जारी की गई है।प्रत्येक मोबाइल फोन एक अद्वितीय 15-अंकीय IMEI नंबर के साथ आता है जो डिवाइस की विशिष्ट आईडी के रूप में कार्य करता है।जून 2020 में मेरठ पुलिस की जांच में सामने आया था कि स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के 13,500 मोबाइल फोन एक ही आइएमईआइ नंबर पर चल रहे थे।
इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। आइएमईआइ नंबर का इस्तेमाल अपराधियों को ट्रैक करने में भी होता है। सामान्य तौर पर अपराधी सिम कार्ड को बदल देते हैं या उसे नष्ट कर देते हैं। लेकिन आइएमईआइ नंबर को आसानी से नहीं बदला जा सकता है। ऐसे में जांच एजेंसियां आइएमईआइ नंबर के जरिये अपराधियों तक पहुंच जाती हैं।