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Monday, December 23, 2024
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रांची नगर निगम के मेयर पद का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, लक्ष्मीनारायण मुंडा ने फैसले को दी चुनौती

रांची : रांची नगर निगम में मेयर पद का मामला अब झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है. रांची में मेयर का पद शुरू से ही पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जिले में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी के लिए ही आरक्षित करने का प्रावधान था, लेकिन एसटी के बदले मेयर पद को एससी कर दिए जाने से रांची के आदिवासी संगठन ने विरोध शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने भी इसका विरोध करते हुए सीएम हेमंत सोरेन को एक स्मार पत्र सौंपा है. अब लक्ष्मीनारायण मुंडा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के इस फैसले को चुनौती दी है.

चुनाव आयोग ने नियमों का उल्लंघन किया

श्री मुंडा का आरोप है कि चुनाव आयोग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस बार एससी के लिए मेयर का पद आरक्षित कर दिया है. इसके तहत 13 अनुसूचित जिले हैं. इसमें रांची भी शामिल है. अनुसूचित जिलों में मेयर, अध्यक्ष का पद आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाता है. झारखंड में पेसा कानून भी लागू है. इस कानून के तहत राज्य सरकार ने अनुसूचित जिलों में मुखिया और अन्य पदों को एसटी के लिए आरक्षित किया है. पूर्व में सरकार ने अन्य नीतियों में भी इसका पालन किया है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जिलों के पद को एससी के लिए आरक्षित कर दिया है, जो गलत है. याचिका में सरकार से रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी के लिए ही आरक्षित रखने की गुहार लगाई है.

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