12.1 C
New Delhi
Monday, December 23, 2024
HomeLocal NewsChatraआम्रपाली सीसीएल प्रबंधन को चतरा वन विभाग की परवाह नहीं, अब कोल...

आम्रपाली सीसीएल प्रबंधन को चतरा वन विभाग की परवाह नहीं, अब कोल इंडिया के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सीधे केंद्र को भेजा जाएगा

इंद्रदेव लाल

रांची : आम्रपाली ओसीपी, सीसीएल, (चतरा) को टंडवा प्रखंड अंतर्गत होन्हे से शिवपुर रेलवे साइडिंग तक पथ निर्माण होने तक ट्रांसपोर्टिंग व अन्य कंस्ट्रक्शन के कार्य की मनाही के बावजूद सीसीएल प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. वन प्रमंडल पदाधिकारी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार के बिना पूर्वानुमति इस मार्ग पर ट्रांसपोर्टिंग व अन्य कंस्ट्रक्शन कार्य तत्काल बंद हो जाना चाहिए था, लेकिन पत्र जारी होने के एक माह बाद भी सीसीएल प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है और ट्रांसपोर्टिंग जारी है. दोनों के बीच हुए समझौते के अनुसार सीसीएल को सड़क बनने तक इसका इस्तेमाल नहीं करना है, लेकिन सीसीएल प्रबंधन केंद्र सरकार के आदेश को ही ठेंगा दिखाने पर आमादा है.

नोटिस के बदले एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई?

हालांकि सूत्र बताते हैं कि वन विभाग को नोटिस के बदले सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी. सीसीएल और वन विभाग की मिलीभगत का भी आरोप लगाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि पिछले करीब चार साल से सीसीएल सीसीएल प्रबंधन द्वारा वन विभाग को समर्पित अनुपालन प्रतिवेदन के आलोक में कहा गया है कि जबतक केंद्र सरकार अंतिम अंतिम निर्णय नहीं ले लेता है तबतक सीसीएल को सड़क का इस्तेमाल नहीं करना है. बता दें कि उपर्युक्त विषयक प्रसंगाधीन पत्र द्वारा प्रथम चरण की स्वीकृति 26 शर्तों के साथ प्रदान की गई है. जिसके आलोक में पत्रांक PO (AMP.)/PD/2022-23 /1676 dt. 4 नवंबर 2022 द्वारा बिंदुवार अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित किया गया है.

सीसीएल प्रबंधन की ट्रांसपोर्टिंग रोकने की मंशा नहीं

समर्पित अनुपालन प्रतिवेदन के शर्त सं-6 के अनुपालन में सीसीएल प्रबंधन द्वारा वचनबद्धता प्रमाण पत्र दिया गया है कि उक्त रोड का बिना भारत सरकार द्वारा अंतिम स्वीकृति प्राप्त हुए रोड में कोई भी ट्रांसपोर्टिंग एवं अन्य कंस्ट्रक्शन कार्य नहीं किया जाएगा. अधोहस्ताक्षरी को विभिन्न माध्यमों से सूचना प्राप्त हो रही है कि आम्रपाली परियोजना से कोयले का परिवहन कार्य उक्त आवेदित पथ पर किया जा रहा है, जो भारत सरकार के सैद्धांतिक स्वीकृति में लगाई गई शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है. पत्र में कहा गया है कि उक्त पथ में केंद्र सरकार के आदेशों का उल्लंघन जारी रहने पर सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम-1980 की धारा 3 (A) & 3 (B) के तहत कार्यवाही का प्रस्ताव सीधे केंद्र सरकार को भेजी दी जाएगी. यह पथ 8.38 हेक्टेयर वनभूमि अपयोजन प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा प्राप्त प्रथम चरण की स्वीकृति की शर्त संख्या 8 के अनुपालन के संबंध में निर्णय लिया गया है.

कार्रवाई के लिए 7 नवंबर को भेजा गया है नोटिस

वन विभाग द्वारा जारी पत्र 7 नवंबर भेजा गया है. इसकी प्रतिलिपि आम्रपाली चंद्रगुप्त क्षेत्र के महाप्रबंधक, एचओडी (वन एवं पर्यावरण) आलोक त्रिपाठी को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया गया है. पत्र में अनुरोध किया गया है कि विषयगत पथ में भारत सरकार द्वारा अंतिम स्वीकृति प्राप्त होने तक में ट्रांसपोर्टिंग एवं अन्य कार्य उक्त पथ तुरंत प्रभाव से बंद करें, यदि परिवहन कार्य इस चेतावनी के पश्चात भी जारी रहता है तो, सीसीएल दरभंगा हाउस और कोल इंडिया प्रबंधन के विरुद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव सीधे भारत सरकार को भेज दी जाएगी. अब देखना है कि सीसीएल प्रबंधन वन विभाग की कार्रवाई पर क्या रुख अपनाता है?

Most Popular

Recent Comments