रांची: आलोकापुरी कंपलेक्स, लालपुर स्थित उड़ान आईएएस एकेडमी के तत्वावधान में सोमवार को पुस्तकालय का उद्घाटन पद्मश्री छुटनी देवी ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि ने रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो.डा. जेबी पाण्डेय ने कहा कि व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास का मूलाधार ज्ञान है और ज्ञान पुस्तकों में है और पुस्तकें पुस्तकालय में रहती हैं। पुस्तकालय का सरलार्थ है पुस्तकों का घर। (पुस्तक+आलय)किंतु इसका तात्पर्य पुस्तकों का गोदाम नहीं, वरन् ज्ञान केंद्र है, जहाँ तरह तरह के ज्ञान पिपासु अपने ज्ञान की पिपासा शांत करने के लिए जाते हैं।
जीवन में पुस्तकालय का भी योगदान है
उन्होंने उड़ान आईएएस एकेडमी के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नीति कहती है कि संसार में 7 जगहें ऐसी हैं जहां से निमत्रंण भी मिले तो नहीं जाना चाहिए-वैश्यालय, मदिरालय, जुआलय, हिंसालय, चिकित्सालय, न्यायालय और नरकालय, लेकिन संसार में 7 जगहें ऐसी हैं, जहां बिना बुलावा के भी जाना चाहिए, वहां रहना चाहिए और मौका लगे तो कुछ न कुछ कहना चाहिए-विद्यालय, पुस्तकालय, अनाथालय, अनुसंधानालय, शिक्षकालय, देवालय और स्वर्गालय। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता चाहने वाले छात्र को कम से कम 2 घंटे मन लाकर पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकों का सेवन करना चाहिए। उन्होंने इसके निर्देशक अरुण अग्रवाल, डा श्वाति श्रीवास्तव और उड़ान परिवार को बधाइयां और शुभकामनाएं दीं और सुंदरकांड की प्रति भेंट की।
ये लोग थे शामिल
समारोह की अध्यक्षता कर रहे अनिल अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरु का सम्मान करना चाहिए, तभी जीवन में उड़ान संभव है। इस अवसर पर पद्मश्री छुटनी देवी, डा श्वाति श्रीवास्तव श्रीमती सुशीला सिंह, वेद प्रकाश अग्रवाल, उमाशंकर अग्रवाल, संजय अग्रवाल, आकाश मिश्र, सुधीर कुमार सिंह, विजय कुमार झा ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये। आगत अतिथियों का स्वागत निर्देशक अरुण अग्रवाल ने, संचालन डा ओम प्रकाश ने और धन्यवाद ज्ञापन संस्थान की निर्देशिका श्वाति श्रीवास्तव ने किया।