देवघर – झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने शहीद निर्मल महतो की शहादत दिवस मनायी। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेन्ट्राइजर वगैरह का पूर्णतः ध्यान रखते हुए सादे समारोह में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बंधित करते हुए मोर्चा के महा नगर अध्यक्ष सुरेश साह ने की की श्री महतो ने अपने जीवन काल मे गरीबो, शोषितों-पीड़ितों के कल्याण एवं विकास के लिए संघर्ष करते रहे और राज्य के विकास में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। समाज और राज्य के प्रति सक्रियता को देखते हुए उन्हें मोर्चा के अध्यक्ष बनाया गया। इधर कुछ विध्वंसक तत्वों ने उनके सामाजिक गतिविधियों उनकी सक्रियता को देखते हुए 1987 में श्री महतो की हत्या कर दी। इस तरह एक क्रांतिकारी व्यक्ति का मात्र 37 वर्षो की अल्पायु में मौत हो गयी। कार्यक्रम में मुख्यरूप से धनन्जय मण्डल, नित्यानंद केशरी, अंग्रेज दास, सौरभ झा , मनोज दास, दयाल चन्द्रवँशी, सागर कुमार, भाष्कर दुबे आदि उपस्थित थे। इधर जसीडीह में भी अलग राज्य के प्रणेता अमर शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस मनायी गयी। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि श्री महतो का जन्म जमशेदपुर के उलियान गांव में 25 दिसंबर 1950 को हुआ था। झारखंड अलग राज्य निर्माण के लड़ाई में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है झारखंड विरोधी तत्वों ने 8 अगस्त 1987 को उनकी हत्या कर दी आज उनकी शहादत दिवस पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। कार्यक्रम में मुख्यरूप से संजय कुमार शर्मा विपिन यादव वीरेंद्र कुमार सिंह परमेश्वर हेमंत मरान्डी, मोहम्मद समीम, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद शरीफ,उमेश यादव,गणेश यादव, उमेश कुमार वर्मा, कल्लू गुप्ता,दीपक कुमार दास, शेखर प्रसाद राऊत,राजकुमार दास, सुधीर रावत, राज कुमार, दास आदि लोगों ने शरीक होकर शहीद निर्मल महतो के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा अलग राज के आंदोलन के लिए उन्होंने अपनी शहादत दे दी बराबर गरीब गुरबा के लिए वह अपने जीवन में आंदोलन करते रहे उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी आज उनके शहादत के वजह से ही अलग झारखंड राज्य का निर्माण हुआ अंत में सभी लोगों ने शहीद निर्मल महतो अमर रहे अमर रहे के नारे लगाए इसके उपरांत चंद्र समिति सदस्य हां प्रवक्ता झारखंड मुक्ति मोर्चा देवघर ने सभा की समाप्ति की घोषणा की इस कार्यक्रम में सभी व्यक्ति मास्क लगाए हुए थे एवं सामाजिक दूरी का पालन कर रहे थे जैसा कि झारखंड सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा का निर्देश था! न्यूज़ सोर्स न्यूज़ माक्रान्त देवघर