रांची – धोनी के सन्यास पर सूबे की सियासत गरमाई, विधायक इरफान अंसारी ने कहा- माही बीजेपी की राजनीति का शिकार हुए, गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे जय शाह के दबाव में धोनी का नाम बीसीसीआई की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से हटाया गया :
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और झारखंड के लाल महेंद्र सिंह धोनी के अचानक संन्यास को लेकर अब राज्य की सियासत भी गरमाने लगी है।जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करने वाले महेंद्र सिंह धौनी के अचानक संन्यास लेने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह बीजेपी की राजनीति का शिकार हुए हैं। अब भी माही में काफी क्रिकेट बचा है। वे पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हैं। यही कारण है कि माही चेन्नई सुपर किंग्स के लिए उपलब्ध हैं और अभी 5 साल और क्रिकेट खेलेंगे। जो व्यक्ति आईपीएल खेल सकता है वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट क्यों नहीं ? उनकी फिटनेस युवाओं के लिए एक प्रेरणा है परंतु जिस प्रकार माही ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया वो थोड़ा समझ से परे है। कहीं ना कहीं माही राजनीति का शिकार हो गए।
धौनी को क्रिकेट बोर्ड द्वारा जारी कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट की किसी भी कैटेगरी में जगह नहीं दे कर बीसीसीआई ने साफ साफ इशारा कर दिया था। बीसीसीआई के इस फैसले के बाद से ही माना जा रहा था कि धौनी का अब राष्ट्रीय टीम में खेलने का रास्ता मुश्किल हो गया है। कहीं ना कहीं माही भाजपा की राजनीति का शिकार हो गए। गृह मंत्री अमित शाह के बेटे एवं बीसीसीआई सचिव जय शाह के दबाव में धौनी का नाम कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से हटाया गया।
विधायक ने महेंद्र सिंह धौनी से भी आग्रह किया कि वह अपने संन्यास के फैसले पर पूर्ण विचार करें। क्योंकि पूरा भारत अब भी धौनी को क्रिकेट खेलता देखना चाहता है। धौनी प्रतिभा के धनी है और इनके नेतृत्व में भारत ने तो विश्वकप जीतने का भी काम किया।