गिरिडीह – आज दिनांक 19.08.2020 को समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त की अध्यक्षता में माननीय NGT, नई दिल्ली में दायर वाद (O.A. No. 325/2015) से संबंधित बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि O.A No. 325/2015 में पारित आदेश दिनांक 01.06.2020 के आलोक में माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(NGT), नई दिल्ली द्वारा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जल निकायों के संरक्षण और पुनर्स्थापन पर जोर दिया गया है। प्राप्त दिशा-निर्देशों के आलोक में उपायुक्त द्वारा पर्यावरण के लिए जल निकायों के संरक्षण के महत्व पर ध्यान दिया गया। उन्होँने कहा कि कुआं/तालाब/झील/जल निकाय/जल संचयन संरचनाओं की स्थापना के साथ-साथ मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं को हर स्तर पर बड़े पैमाने पर शामिल करने के अलावा, उप जल क्षेत्रों में जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कार्य में ग्राम पंचायत की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रत्येक गांव में कम से कम एक तालाब/झील/जल निकाय बहाल किया जाना चाहिए। प्रत्येक जल संग्रहण स्थल जैसे तालाब/झील/कुआं आदि के पानी की गुणवत्ता खराब ना हो, इसकी भी समय-समय पर जांच करेंगे। साथ ही सभी वाटर बॉडीज/ झील की पहचान कर उसका जियो टैगिंग करना सुनिश्चित करेंगे।
उपायुक्त ने सभी सम्बन्धित पदाधिकारीयों को निदेशित करते हुए कहा कि तालाब और झील के जीर्णोद्धार को प्राथमिकता देने के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से एक्शन प्लान तैयार कर सभी जल संग्रहण स्थल यथा कुआ/तालाब/झील आदि से कूड़ा कचड़ा एकत्र करना, अतिक्रमण के कारण कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट प्लान तैयार करना, सभी जल संग्रहण स्थल की डिमार्केशन/सरहदबंदी अत्यंत आवश्यक है। साथ ही सरकारी अथवा गैर सरकारी तालाब अथवा झील वाले स्थान पर साइन बोर्ड़ का भी इस्तेमाल करना सुनिश्चित करें ताकि असामाजिक तत्वों द्वारा कचरा ना फैलाया जा सके एवं पानी को दूषित होने से बचाया जा सके। किसी भी जल संग्रहण स्थल के समीप कचरा फैलाने से रोकने के निमित्त जागरूकता हेतु साइन बोर्ड में उचित दंड के प्रावधानों का भी उल्लेखन करें। प्रत्येक जलसंग्रह स्थल की जियो रेफरेंस यूआईडी बनवाना और प्रत्येक जलसंग्रह स्थल का जीर्णोद्धार एवं उसकी रक्षा के लिए कार्य योजना/एक्शन प्लान तैयार कर आगे की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। वैसे तालाब जो 1/2 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में हो उसे रीस्टोर करना अनिवार्य है।
*■ मनरेगा के तहत जल संग्रहण की सुरक्षा एवं शुद्ध पानी के प्रबंधन की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें:- उपायुक्त…*
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि मनरेगा अंतर्गत जल संग्रहण केंद्रों की सुरक्षा एवं जीर्णोद्धार तथा उसमें पानी के प्रबंधन की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। साथ ही नदी के जल प्रवाह को मेंटेन करना, अतिरिक्त जल संग्रह के लिए तालाब को मनरेगा के तहत निर्माण कराना तथा प्रत्येक गांव में एक तालाब या जल स्रोत के संग्रहण का जीर्णोद्धार करना अनिवार्य है।
उपायुक्त ने कहा कि शुद्ध पानी एक विश्वव्यापी समस्या है। इस हेतु वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा नियमित रूप से कई प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि पानी की विकट समस्या से ना केवल हम सभी बल्कि हमारे आने वाली पीढ़ी को भी भविष्य में किसी प्रकार के समस्या का सामना ना करना पड़े।
*■ बैठक में इनकी रहीं उपस्थिति…*
समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्य रूप से उप विकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, अपर समाहर्ता, जिला खनन पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।