समाहरणालय सभागार में उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक की गई। बैठक में उपायुक्त ने जून त्रैमासिक में बैंकों द्वारा किए गए विकास कार्यों की समीक्षा की। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रवीण कुमार ने उपायुक्त को सूचित किया कि ऋण संबंधित कार्य पिछली बार से अधिक हुआ है। जिस पर उपायुक्त ने शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने का निदेश दिया। उपायुक्त ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल हो रही है। सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं किसान उत्पादक समूह, कृषि एवं सिंचाई आदि के ऋण आवेदनों पर त्वरित निष्पादन करे। इस वित्तीय वर्ष में केसीसी का कार्य लक्ष्य के अनुरूप नहीं पाए जाने पर उपायुक्त ने निर्देश दिया कि इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता देते हुए कृषि ऋणों का त्वरित निष्पादन करें। प्रधानमंत्री किसान हिताधिकारियों को केसीसी ऋण मुहैया कराने पर विशेष बल दिया जाए। इसी क्रम में डीडीएम नाबार्ड ने उपायुक्त को सूचित कराया कि जिले में 17 कृषक उत्पादक समूह का गठन किया गया है। इसके माध्यम से किसानों के विकास कार्यों में सुविधा प्राप्त होगी। उपायुक्त ने शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री स्व निधि आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत इच्छुक फुटपाथ विक्रेताओं के ऋण आवेदनों की समीक्षा करते हुए बैंकों को निर्देश दिया कि ऋण आवेदनों को यथाशीघ्र निस्पादन करे। पीएमईजीपी, पीएमएमवाई, स्टैंडअप योजनाओं की समीक्षा के क्रम में बढ़ते एनपीए पर उपायुक्त ने नाराजगी जाहिर की। बैठक में डेयरी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए ऋण देने की बात की गई। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक ने बैठक में बताया कि जिले का एनपीए 10% से 9.35% हुआ है जो कि जिले के लिए अच्छा संकेत है। इस पर उपायुक्त ने कहा कि इसी क्रम में कार्य योजना बनाते हुए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। बैठक में आईटीडीए निदेशक राजेश कुमार राय, आरबीआई रांची एजीएम, डीडीएम नाबार्ड, जीएमडीआईसी सहित बैंक के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे