बोकारो – झारखंड काँग्रेस मे जाना माना नाम है श्वेता सिंह का , बोकारो की रहने वाली श्वेता सिंह मेरठ विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएट हैं। श्वेता सिंह का पालन पोषण राजनीतिक परिवेष में हुआ है और बचपन से ही उन्होंने अपने माता पिता और चाचा को समाज के प्रति हमेशा से ही अग्रसर पाया और फिर उनकी शादी भी राजनीतिक परिवार में हुई। नित्य जीविका के दौरान जब वो लोगों से बाबु जी से मिलते देखती थी तो उन लोगों आंखों में हमारे( श्वेता और उनके पति) के प्रति उम्मीद और विश्वास देखती थी। उसी पल उन्हें एहसास हुआ कि उनका भी इनके प्रति दायित्व है।एक बेटी जिसने राजघराने की चमक दमक भी देखी लेकिन एक आम लड़की की तरह पली बढ़ी। एक बहू जो राजनीतिक उठा पटक की गवाह बनी और जनता के दुख दर्द की सहभागी बनी। झारखण्ड में राजनीतिक अस्थिरता, गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या ने श्वेता को अंदर से झकझोर दिया था। भूख से होती मौतें, बेसुध सरकार, लचर प्रशासनिक व्यवस्था से त्रस्त झारखण्ड की तस्वीर हर पल श्वेता को विचलित करती थी। राजनीति में महिलाओं के लिए राह आसान नहीं, फिर भी श्वेता ने हार नहीं मानी, वो अपने स्तर पर लोगों के बीच जाकर उनका दुख दर्द बांटने लगीं। परिवार और पति का साथ मिला तो श्वेता ने सबसे पहले 2013 में एक एनजीओ ब्रह्मा सर्विस के जरिए जनसेवा का कार्य शुरू किया, बोकारो की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की समस्यों को सुनतीं औऱ उन्हें हर हाल में हल करने की कोशिश ने ही श्वेता को एक अलग पहचान दी। जन-जन की जुबां पर उऩके द्वारा किए सामाजिक कार्यों की चर्चा थी और साथ ही बोकारो की जनता ये भी मांग करने लगी कि उन्हें सक्रिय राजनीति में अब आ जाना चाहिए।बोकारो को एक युवा नेतृत्व चाहिए था, घिसी पिटी राजनीति से जनता परेशान थी, जनता की मांग पर श्वेता ने सक्रिय राजनीति शुरू की, कांग्रेस पार्टी का साथ मिला औऱ श्वेता ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। झारखण्ड की राजनीति में महिलओं को ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती लेकिन श्वेता की ईमानदार नेतृत्व औऱ युवा सोच ने इस विचारधारा को बदल कर रख दिया। तत्कालीन भाजपा सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ श्वेता ने मोर्चा खोला, जनता को हो रहे नुकसान की आवाज राजधानी रांची तक पहुंचाई, पुलिस के डंडे और जेल की सलाखें भी श्वेता के आत्मिविश्वास को तोड़ नहीं सकी। हर मोर्चे पर श्वेता ने जनता की आवाज को बुलंदी से रखा। श्वेता के राजनीतिक करियर में युवा काँग्रेस की बहुत ही अहम भूमिका रही है। बोकारो के विकास के लिए, जनता की आवाज बनीं। निस्वार्थ भाव से जनसेवा से उन्हें जनता का आशीर्वाद मिलने लगा, युवाओं के लिए वो रोल मॉडल बन गईं। गरीबों के हक के लिए लड़ना, बच्चों को बेहतर सुविधाएं दिलवाना, महिलाओं सशक्तीकरण के लिए कई नए प्रोजेक्ट्स शुरू करना- बोकारो की जनता श्वेता सिंह को इन्हीं कामों के लिए जानती है।श्वेता चाहतीं तो एक आम और आराम की जिंदगी चुन सकती थीं लेकिन श्वेता ने फैसला किया कि वो महिलाओं को सशक्त बनाएंगी, गरीबों के हक के लिए लड़ेंगी। आज श्वेता झारखण्ड में कांग्रेस की नई पीढ़ी का चेहरा हैं जो झारखण्ड की एक नई छवि बनाने में अपना अहम योगदान दे रही हैं। आज श्वेता नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है, उनके लिए श्वेता दीदी हैं जो हमेशा उनका ख्याल रखती हैं। बोकारो में कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें श्वेता की मदद से नई जिंदगी मिली है, श्वेता कहती हैं कि चुनाव तो आते जाते रहते हैं लेकिन बोकारो वासियों से जो उनका रिश्ता है वही उनकी अमानत है। है। श्वेता के नेतृत्व में हजारों युवाओं की टीम है जो बिना किसी भेदभाव के, बिना किसी राजनीतिक दाव-पेंच के जनता की सेवा में जुटी है। झारखण्ड की राजनीति में श्वेता जैसा नेतृत्व बेहद जरूरी है, झारखण्ड को प्रगतिशील नेतृत्व की बेहद जरूरत | आज श्वेता झारखण्ड में कांग्रेस की नई पीढ़ी का चेहरा हैं जो झारखण्ड की एक नई छवि बनाने में अपना अहम योगदान दे रही हैं।
झारखण्ड में कांग्रेस की नई पीढ़ी का चेहरा
झारखण्ड में कांग्रेस की नई पीढ़ी का चेहरा