झारखंड में 25,000 रुपए तक ऋण लेने वाले आठ लाख किसानों का कर्ज माफ होगा। किसानों की कर्ज माफी को लेकर बजट में प्रावधान किए गए 2000 करोड़ रुपए को राज्य सरकार ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है। इसकी घोषणा कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने की।
कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। कोरोना की वजह से सभी किसानों का एक साथ कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, इसलिए शुरुआत में 25 हजार रुपए से कम लोन लेने वाले किसानों की कर्जमाफी की जाएगी। इसके बाद 50,000 या फिर इससे अधिक ऋण लेने वाले किसानों की भी कर्ज माफी होगी। राज्य में करीब 17.85 लाख किसानों पर कर्ज है। सभी किसानों की कर्ज माफी पर 9300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी माइनिंग के हजारों करोड़ नहीं दिए हैं। भाजपा के नेता भी केंद्र सरकार से अपील करें ताकि राशि मिले और ज्यादा से ज्यादा किसानों की ऋण माफी हो सके। आरपीएन सिंह ने सरना कोड लागू करने को लेकर भी कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को निर्देश दिया कि इसके लिए जल्द ही सरकार पहल करें। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर मौजूद थे। आरपीएन सिंह ने कहा कि राज्य में नौकरशाही की नहीं, बल्कि जनता की आवाज की सरकार चलेगी। आईएएस, आईपीएस अधिकारी की सरकार नहीं चलेगी, जनता जैसे बोलेगी वैसे सरकार चलेगी। ग्रामीण स्तर तक के लोग सरकार को अपनी सुझाव देंगे। इसके लिए 20 सूत्री कमेटी के गठन पर सहमति बन गई है। जमीन से संबंधित नहीं बनेगा कोई नया कानून : उन्होंने कहा कि जमीन राज्य में प्रमुख मुद्दा है। इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि जब तक सभी से जमीन संबंधित बात नहीं हो जाए तब तक कुछ नहीं किया जा सकता। उन्होंने पार्टी कोटे के मंत्रियों से सुझाव दिया कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी कानून बनाएं। ऐसे पूंजीपति जिन्होंने राज्य में जमीन तो ली है, लेकिन पांच साल बाद भी उस पर किसी प्रकार का उद्योग धंधा शुरू नहीं किया है उनसे जमीन वापस लेकर संबंधित किसान या व्यक्ति को दी जाए। साथ ही, गैस और पाइप लाइन में जिन लोगों की जमीन ली गई, उन्हें पूरा पैसा दिया जाए।
सीधे मिले नौकरी : आरपीएन सिंह ने राज्य में आउटसोर्सिंग के जरिए नौकरी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खुद युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराएं। जो भी विभाग हैं उसके खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। कांग्रेस कोटे के मंत्री अपने विभागों का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपे।