हुटाप पंचायत के धवाईटांड़15-16 पिछड़ा परिवार रहते हैं, वहीं प्रधानमंत्री आवास सिर्फ 08 परिवार को मुहैया हो पाया है, इस गांव में एक भी हैंड पम्प नहीं लोग नदियों का पानी पर सालो भर निर्भर रहते हैं, वहीं ग्रामीण जब जब पंचायत की की मुखिया के पास जाते हैं आवेदन लेकर तो वो खड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कहती है कि आपलोग मुझे वोट ही नहीं दिए थे तो मेरे पास क्यों आते हैं, टोलावालों के मुताबिक, उन्हें पिछले कई वर्षों से सुविधा के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. राज्य के गठन यानी 19 साल में जो कुछ हुआ उसमें यहां के 7-8 घर में शौचालय और सड़क के नाम पर पगडंडी है वहीं 18 साल बाद गांव में बिजली पहुंच पाई है.
यहां के लोग मजदूरी और खेती करके जीवनयापन करते हैं. टोले के ग्रामीण ने सरकार से अधिक मीडिया के प्रति नाराजगी जाहिर की.गांव के विकाश के लिए ग्रामीण विकास योजना में भी आवेदन दिए हैं. वहीं प्रखंड पूर्व वीडीयो नूतन कुमारी कुछ महीने पहले वे कहीं थी कि सड़क और पानी जल्द यहां आ जाएगा , पर अब तक नहीं आ पाया वहीं गांव की मुखिया को कई बार आवेदन दिया गया पर आज तक वो ध्यान नहीं दी ।वहीं
इस क्षेत्र में महीनों में कई बार कांके विधायक समरी लाल, और कभी कभी संसद महोदय संजय सेठ का भी आगमन होता रहता है पर एक बार भी ये समाज के प्रतिनिधि इन आदिवासियों के बीच जाकर इनका सुद लेने जरूरी नहीं समझते लेकिन जब वोट मांगने की बात हो तो लोगो का ताता लग जाता है भोले भाले वनवासी परिवार को झूठे वादे में फंसा कर वोट लेकर निकल जाते हैं। ग्रामीणों ने हेमंत सरकार से निवेदन किए है कि उन्हें भी उनकी मूल भूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए ताकि हम अपना जीवन यापन कर सके