कोरोना काल से निकलकर झारखंड की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था अब धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी है. इसके संकेत राज्य में हुए जीएसटी संग्रह में उछाल के तौर पर देखा जा सकता है. इस वर्ष सितंबर में पिछले साल की तुलना में दस फीसदी अधिक जीएसटी का संग्रह हुआ है. 2019 के सितंबर महीने में 1506 करोड़ का जीएसटी संग्रह हुआ था, जो इस साल बढ़कर 1656 करोड़ हो गया है. सूबे की हेमंत सरकार ने कोरोना काल के बावजूद ये जबरदस्त उछाल पाने में कामयाबी हासिल की है. राज्य में अनलॉक देरी से किया गया, जिससे उद्योग धंधे पूरी तरह चौपट रहे. बावजूद इसके जीएसटी संग्रह में बढ़ोत्तरी आने वाले समय और भी बेहतर अर्थव्यवस्था के संकेत दे रहे है.
राष्ट्रिय औसत से भी दोगुनी वृद्धि :
झारखंड में जीएसटी संग्रह में वृद्धि राष्ट्रिय औसत से भी दोगुनी है. देश में सितंबर में पिछले साल की तुलना में झारखंड के दस फीसदी के मुक़ाबले में महज पांच फीसदी की वृद्धि हुई. बिहार और बंगाल में तो स्थिति और बदत्तर है. बिहार में यह मात्र एक फीसदी है, जबकि बंगाल में चार फीसदी. जानकार मानते है की फिलहाल राज्य में परिवहन सेवा पूरी तरह बहाल नहीं हुई है. जिससे माल ढुलाई से लेकर कारोबार के रफ़्तार में थोड़ी सुस्ती है. अगर परिवहन के साधनो को पूरी तरह से सुचारु कर दिया जाए तो ये वृद्धि और भी तेज होगी.