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Monday, December 23, 2024
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रामगढ़ – ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को कृषि में बेहतर कार्य हेतु दी गई जानकारी

रामगढ़: रिलायंस फाउंडेशन सूचना सेवा के द्वारा रामगढ़ जिले के किसानों को मल्टी ऑडियो कॉन्फ्रेंस कर किसानों को आने वाले रबी फसल आलू एवं सरसो की खेती करने की वैज्ञानिक पद्धितियों के बारे में बताया गया।
इस कांफ्रेंस में आत्मा के उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली जुड़े थे, जिनके द्वारा किसानों को आलू की खेती करने में जो समस्या आती है झुल्सा रोग और कुहासा छाने पर आलू की खेती में जो दिक्कतों का किसान सामना करते है , उस परिस्थिति में वे किन बातो पर विशेष ध्यान रखें। उनन्त प्रजाति के चयन के बारे में बताया गया साथ ही बीज उपचार, आलू की खेत में उर्वरक का प्रयोग और पटवन का सही समय, मिट्टी में कमी के लिए पोषण तत्व का प्रबंधन की विशेष जानकारी दी गई।
कॉन्फ्रेंस कर किसानों के समस्या का प्रश्नोतरी कर हर किसान को अपनी समस्या बतलाने एवं समाधान बताये गए। झुलसा रोग से बचाव के लिए 20 दिसम्बर से लेकर 20 जनवरी तक 10 से 15 दिन के अंतराल पर फफूंदनाशक दवा का छिड़काव करें। प्रथम छिड़काव में इन्ड़ोफिल एम-45, दूसरे छिड़काव में ब्लाइटॉक्स एवं तीसरे छिड़काव में इन्ड़ोफिल एम-45, दूसरे छिड़काव में ब्लाइटॉक्स एवं तीसरे छिड़काव में आवश्यकतानुसार रिडोमील फफूंदनाशक दवा का 2.5 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। प्रति हेक्टेयर 2.5 किलोग्राम दवा एवं 1000 लीटर पानी के साथ उपयोग करें ।
मटर की खेती के लिए उन्नत किस्मों का चयन करें ,भूमि के चुनाव में यह ध्यान रखें कि अच्छी जल निकासी वाली हल्की बलुई दोमट मिट्टी हो जिसमें जैविक अंश की प्रचुरता हो,चूंकि मटर दलहनी फसल है इसमें नेत्रजन उर्वरक की कम मात्रा की आवश्यकता होती है अच्छी उपज के लिए प्रति हेक्टेयर जमीन में 200 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद खेत की तैयारी के समय देनी चाहिए इसके अलावा 20 किलोग्राम यूरिया, 75 किलोग्राम सिंगल सुपरफाँस्फेट तथा 67 किलोग्राम म्यूरेट आँफ पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की अंतिम जुताई के समय मिला देनी चाहिए पुन: 20 किलोग्राम यूरिया बुवाई के 25 -30दिन के बाद खड़ी फसल में टॉपड्रेसिंग करनी चाहिए निकाई- गुड़ाई समय पर करे, अनुशंसित मात्रा में खाद वं उर्वरक का प्रयोग करें। पौधा संरक्षण वं जल प्रबंधन से संबंधित सभी आयाम का ध्यान रखे। रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा किसान और पशु पालक भाई-बहनो को भी समस्या हेतु जानकारी के लिए टाँल फ्री नम्बर 1800 419 8800 में कॉल कर जानकारी लेने की सलाह दी गई ।

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