रांची, 26 नवंबर : श्रम कानूनों व कृषि कानूनों में संशोधन तथा सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के राष्ट्र व्यापी आम हड़ताल के समर्थन में आज ट्रेड यूनियन व वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने रांची में मार्च निकाला। इस मार्च में कोयला मजदूर, बैंक, बीमा, एलआईसी के कर्मचारी व असंगठित मजदूर शामिल थे, जो विभिन्न उपक्रमों से निकला व अल्बर्ट एक्का चौक पर पहुंच कर राँची के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए पुनः अल्बर्ट एक्का चौक पर पहुंच कर प्रदर्शन में तब्दील हो गया।
मार्च को संबोधित करते हुए सीटू नेता अर्णव चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार की मनमानी मजदूर बर्दाश्त नहीं करेंगे और यह तो आगे आने वाली लड़ाई का संकेत है। उन्होंने यह भी बताया कि आज पूरे देश मे श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ मजदूर सड़क पर हैं और आगे भी मजदूर लड़ाई तेज करेंगे। सीपीआई के जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी को अंबानी-अडानी की दलाली करने के एक सुनहरा अवसर में बदल दिया है मोदी सरकार ने। उन्हीने कहा कि अंग्रेजों से लड़ कर मजदूरों द्वारा लिये गए अधिकारों से मोदी सरकार उन्हें वंचित कर रही है। भाकपा राज्य परिषद सदस्य उमेश नज़ीर ने कहा कि देश के अंदर मोदी सरकार के चंगुल से मजदूर-किसानों को आज़ाद कराना, एक महत्वपूर्ण लड़ाई है। इसके लिए सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन व वामदल एकजुट हैं। आज पूरे झारखंड में 60 लाख मजदूर सड़क पर हैं।
इस मार्च में अजय कुमार सिंह, उमेश नज़ीर, मेहुल मृगेंद्र, साहेब सिकंदर, फरज़ाना फौरुकी, अगता पन्ना, श्यामल चक्रवर्ती, आलोका कुजूर, केवला उरांव, मनोज ठाकुर, सीपीएम के जिला सचिव सुखनाथ लोहरा, आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा, वीणा लिंडा, बीरेंद्र कुमार , सीटू के अनिर्वाण बोस, सुनील मुखर्जी समेत कई लोग उपस्थित थे।