उपायुक्त, श्री शशि रंजन की अध्यक्षता में ICPS/ बाल कल्याण/बाल सुधार/ बाल तस्करी/ पोस्को एक्ट/ बाल मजदूरी आदि से सम्बंधित बैठक आयोजित हुई।
बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा बाल संरक्षण के अंतर्गत किये गए कार्यों की विस्तृत जानकारी ली गयी। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि समय-समय पर जिला स्तर पर चाइड प्रोटेक्शन की बैठक आयोजित की जानी चाहिए। साथ ही जिला व प्रखण्ड स्तर पर आयोजित किये गए बैठकों की सम्बन्धित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही उपायुक्त द्वारा सी.डब्लू.सी, सी.सी.आई, एस. ए. ए मानव तस्करी व अन्य के सम्बंध में विस्तृत जानकारी ली गयी। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं के तहत किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की जानी चाहिए।
इस दौरान बताया गया कि जिले के 40 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से लिंक किया गया है, इस संबंध में सभी बच्चों का फॉलोअप रिपोर्ट भी प्राप्त हो चुका है। बैठक के दौरान बताया गया कि स्पांसरशिप योजना से लिंक किये गए बच्चों के परिवारों का वर्तमान सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का आकलन भी किया जाता है। ततपश्चात परिवार को जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं से लिंक कर आर्थिक स्थिति सुदृढ किये जाते हैं, ताकि उनको दी जानेवाली स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ प्रतिक्षारत दूसरे जरूरतमंद बच्चों को दिया जा सके। साथ ही विलेज लेवल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमिटी के सम्बंध में चर्चा की गई। उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण से सम्बंधित नियमों व कानूनी प्रावधानों की पूर्ण जानकारी युक्त पम्पलेट बनाये जाय। इससे ग्रामीण स्तर पर जानकारियों को सहज रूप से प्रेषित किया जा सकता है। साथ ही सभी ग्रामों में बाल संरक्षण की बैठकों को सुचारू रूप से आयोजित किये जाने चाहिए।
मौके पर जानकारी दी गयी कि बाल संरक्षण सेवाओं के अन्तर्गत स्पॉन्सरशिप एन्ड फ़ॉस्टर केअर योजना एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत कठिन परिस्थितियों एवं देखरेख, संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा, पोषण एवं चिकित्सा के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपये अधिकतम तीन वर्षो तक आर्थिक सहायता दी जाती है। इस दौरान उपायुक्त द्वारा किशोर न्याय बोर्ड के तहत जारी मामलों के सम्बंध में जानकारी ली गयी। साथ ही जे.जे बोर्ड के तहत हो रहे कार्यों व प्रक्रियाओं के सम्बंध में विस्तार से बताया गया।
इसके साथ ही उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि बाल देखभाल संस्थानों में आवासित बच्चो के देख-भाल आदि कार्यों को संवेदनशील रहकर किया जाय। उन्होंने जिला बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया कि ट्रैफिकिंग से सम्बंधित मामलों का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाय। तथा इन मामलों में त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।
मौके पर उपायुक्त द्वारा बाल संरक्षण पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि किशोरियों के विकास को सुनिश्चित कराने हेतु तेजस्विनी परियोजना से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाय।
इस दौरान जिला अंतर्गत आयोजित किये जाने वाले प्राशिक्षण कार्यक्रमों के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी गयी। बताया गया कि मैपिंग कार्य हेतु प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिले में मैपिंग हेतु संवर्धन कार्यक्रम के माध्यम से कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर सरकार के द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया जाएगा, जिससे कि इन बच्चों को खतरों से बचाया जा सके और उनके परिवारों को आर्थिक व समाजिक रूप से मजबूत किया जा सके।
साथ ही सरकारी योजनाओं से लाभ हेतु परिवारिक कार्ड का मिलान 20 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
मौके पर उपायुक्त ने अधिकारियों को बाल संरक्षण के मामलों के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में फंसे बच्चों की सुरक्षा व उनके विकास हेतु आवश्यक रूप से प्रयास किये जाने चाहिए।