रांची – राज्य में कृषि कृषि ऋण माफी पर काम शुरू होने को है. इस दिशा में लगातार प्रचार प्रसार का दौर जारी है. राज्य सरकार किसानों का 50,000 रुपये तक का कृषि लोन माफ करेगी. इसके एवज में किसानों को बस एक रुपया देना होगा।इस काम में बैंकों के साथ साथ प्रज्ञा केंद्रों की भी बड़ी भूमिका रहेगी. इस योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह से ऑनलाइन तरीके से किया जायेगा।*सरलता से लोन माफी दिलाने की पहल*किसान ऋण माफी योजना के सफल संचालन को लेकर देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने रविवार को प्रज्ञा केन्द्रों के संचालकों के साथ ऑनलाइन बैठक की. इसमें जिले के 100 से अधिक संचालक शामिल थे।डीसी ने बैठक में योजना के सफल संचालन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसान ऋण माफी योजना का प्रारूप तैयार किया गया है. झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना का लाभ किसानों को सरलता और सुगमतापूर्वक दिलाया जाना है।ऐसे में बैंकों के साथ सभी प्रज्ञा केन्द्र संचालकों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है. किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना सीएम की प्राथमिकताओं में शामिल है. किसानों को योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से मिले, इस पर विशेष रूप से ध्यान देना है।योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये किसानों को प्रज्ञा केन्द्रों का चक्कर न लगाना पड़े, यह भी ध्यान रखना जरूरी है. सभी कृषकों की मदद प्रज्ञा केंद्र करें. सेवा शुल्क या अन्य सुविधाओं के लिये कोई मनमानी न हो।*प्रज्ञा केंद्रों से करें संपर्क*कृषि लोन माफी योजना का लाभ एक परिवार के मात्र एक ही सदस्य को प्राप्त होना है. योजना के तहत 31 मार्च, 2020 से पहले के स्टैंडर्ड ऋण लाभुकों को 50,000 तक के ऋण माफी का लाभ दिया जायेगा।इसके लिये लाभुकों को बैंक के अलावा प्रज्ञा केन्द्रों में अपना आवेदन जमा करना होगा. लाभुकों से आवेदन के अलावा उनका आधार, राशन, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, एक रुपये का शुल्क, मोबाईल नंबर और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सेवा शुल्क लिया जायेगा।इसके पश्चात ई-केवाईसी के माध्यम से अपने आवेदन को प्रमाणित करना होगा. एक बार आवेदन ई-केवाईसी के माध्यम से विवरण की पुष्टि होने के बाद से आवेदन को आगे के सत्यापन और प्रसंस्करण के लिए योजना पोर्टल पर प्रस्तुत किया जाएगा।इसके बाद आवेदक को अपने आवेदन के जमा होने पर एक टोकन नंबर या संदर्भ संख्या मिलेगी. इसी आधार पर कोरम पूरा किया जायेगा।।