गोड्डा की रहने वाली मेडिकल छात्रा पूजा भारती ने आत्महत्या की थी। झारखंड के डीआइजी एवी होमकर ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी है। बताया कि छात्रा के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले थे। पुलिस हर पहलू की जांच के बाद यह निष्कर्ष पर पहुंची है। पूजा भारती हजारीबाग मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी। उसकी लाश रामगढ़ के पतरातू डैम में सुबह मिली थी। इस दौरान उसके दोनों हाथ और पैर रस्सी से बंधे हुए थे।डीआइजी ने कहा कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है। फिलहाल आगे की जांच भी जारी है। हाथ पैर बंधे होने के सवाल पर भी डीआइजी ने बताया है कि छात्रा ने स्वयं अलग-अलग रस्सी का इस्तेमाल कर खुद को बांधा था। लेकिन इसके आगे भी जांच अभी जारी है। हालांकि इस प्रकरण में पुलिस अभी कई सवालों का जवाब नहीं दे पाई है। छात्रा हजारीबाग से पतरातू कैसे पहुंची, किस वाहन का इस्तेमाल किया, सहित कई पहलू की जांच पुलिस अभी कर रही है।12 जनवरी की सुबह पूजा भारती की लाश पतरातू डैम से बरामद हुई थी। लाश मिलने के बाद आइजी, डीआइजी ने जांच की। हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से निकलने से लेकर उसके घर गोड्डा तक पुलिस ने हर पहलू से जांच की। लाश मिलने के एक दिन पूर्व पूजा की परीक्षा थी। पुलिस ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगाला। हालांकि अभी तक पुलिस को पूजा का मोबाइल नहीं मिल सका है। हाथ-पैर बंधे हुए शव मिलने पर यह आशंका जताई जा रही थी कि पूजा की हत्या की गई है। इस कारण कई संगठनों और नेताओं-पार्टियों ने इसकी जांच तथा हत्यारों की जल्द ही गिरफ्तारी की मांग की थी। राज्यपाल से भी इसकी मांग की गई थी।जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि पूजा परीक्षा के दिन अपने हॉस्टल से ऑटो लेकर बस स्टैंड पहुंची। हजारीबाग बस स्टैंड से रांची के लिए निकली थी। वह बस से रांची आई थी। पूजा के पिता और भाई ने पुलिस को बताया था कि वह परीक्षा देने के लिए हजारीबाग गई थी। शाम तक उसकी कोई खबर नहीं मिली। उसका मोबाइल फोन भी स्वीच ऑफ बताने लगा।