झारखंड में पंचायत चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद रिक्त रहने के कारण इसे लेकर संकट की स्थिति बनी हुई थी. अब राज्य सरकार ने इस पद पर पूर्व मुख्य सचिव देवेन्द्र कुमार तिवारी (भाoप्रoसेo, JH-1986, सेवानिवृत) को नियुक्त करने का फैसला लिया है. बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर स्वीकृति दी गई।*अप्रैल-मई में संभव हैं चुनाव*पंचायती राज विषयों के जानकार सुधीर पाल के मुताबिक यह एक अच्छा कदम है. चूंकि निर्वाचन आयुक्त नहीं रहने से पंचायत चुनाव की राह में कई बाधाएं आ रही थीं. परिसीमन और दूसरे कार्य नहीं हो पा रहे थे. अब रफ्तार आयेगी. अगले तीन-चार महीने में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करा लिए जाने की उम्मीद सरकार से है।*कार्यकारी समिति के भरोसे हो रहा काम*राज्य में पहली बार 2010 और दूसरी बार 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे. जनवरी 2021 में पंचायतों की अवधि पूरी हो गयी थी. उन्हें भंग करना पड़ा था. ग्रामीण विकास की योजनाओं पर असर ना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से त्रिस्तरीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है. हालांकि पंचायत प्रतिनिधि पंचायत चुनाव कराये जाने की मांग लगातार उठाते रहे हैं।।