रांची – झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आज 26 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार है. विपक्ष ने विकास योजना की धीमी रफृतार, पारा शिक्षकों और अन्य संविदा कर्मियों के सेवा स्थायीकरण की मांग, गिरती कानून व्यवस्था, बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाये जाने और चालू वित्तीय वर्ष में बजट राशि नहीं खर्च होने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बनायी है. वहीं सत्तापक्ष की ओर से भी विपक्ष की धार को कमजोर करने की रणनीति बनायी गयी है, जबकि सरकार ने पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों का संवेदनशीलता के साथ जवाब देने तथा समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया है।पिछले वर्ष बजट सत्र के दौरान ही कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी पूर्ण तालाबंदी के बीच विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी थी।इसके बाद विधानसभा का संक्षिप्त सत्र भी आहूत किया गया और एकदिवसीय सत्र में सरना आदिवासी धर्म कोड को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार (Central Government)को भेजा गया. इस तरह से करीब 11 महीने के बाद शुरू हो रहे ज्वलंत मुद्दों पर सदन में एक बार फिर से जोर-शोर से चर्चा होने की संभावना है.भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने हजारीबाग में केरोसिन तेल के उपयोग के द्वारा विस्फोट की घटना के मामले में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की बात की है. वहीं पार्टी ने गुमला में हुए 5 लोगों की सामूहिक हत्या (Murder) , राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिला उत्पीड़न, हजारीबाग में एलएनटी कंपनी के पदाधिकारी की गोली मारकर हत्या (Murder) और लूट जैसी घटनाओं में वृद्धि के खिलाफ भी सरकार को घेरने की रणनीति बनायी गयी है. जबकि आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो ने वर्ष 2020-21 के बजट में आवंटित राशि में से अब तक महज 38 फीसदी खर्च होने का आरोप लगाते हुए सरकार को पूरी तरह फेल होने का आरोप लगाया है.इधर, सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी जनहित से जुड़े मुद्दों को सदन में जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया है. कांग्रेस विधायकों की बुधवार (Wednesday) को प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रामेश्वर उरांव के आवास पर हुई बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई. झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य सत्ताधारी विधायकों की भी आज देर शाम मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन के आवास पर बैठक होने वाली है. जिसमें जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी, भाकपा-माले समेत अन्य विधायकों के शामिल होने की संभावना है।।