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Monday, December 23, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अंबा की गरीब विधवाओं को सौगात!

झारखण्ड राज्य संसाधनों से भरा हुआ राज्य होने के बावजूद पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आता है. राज्य में मानव संसाधन भी प्रचुर मात्र में उपलब्ध है, परन्तु राज्य में रोजगार की कमी के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हैं. इस परिपेक्ष में बडकागांव विधायक माननीय सुश्री अम्बा प्रसाद ने #अम्बा_फाउंडेशन के तत्वावधान में अपने क्षेत्र की रोजगार सम्बंधित परेशानी को सुलझाने का प्रण लेते हुए स्थानीय निवासियों, युवाओं, विस्थापितों, प्रभावितों और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने का निर्णय लिया है. गरीब विधवाओं को जनउपयोगी वस्तुओं के उत्पादन से स्वरोजगारअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर बडकागांव विधायक माननीय अम्बा प्रसाद ने अपने विधानसभा क्षेत्र के 115 महिलाओं के समूह को #अम्बा_सशक्तिकरण_अभियान (ASHA) के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के जनोपयोगी वस्तुओं के उत्पादन, मार्केटिंग तथा आवश्यक सेवाओं की प्रसार से आमदनी का स्त्रोत सुनिश्चित किया है. इसके लिए रांची की RIAOM Services Pvt Limited का चयन किया गया है। प्रारम्भिक स्तर पर महिलाओं की एलईडी बल्ब, फिनायल, हैंडवाश, साबुन इत्यादि के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. एक निश्चित मासिक उत्पादन के लिए तय शुल्क का भुगतान किया जाएगा जिससे प्रयेक महिला को कम से कम रु० 9000/- मासिक आमदनी हो सके. दूसरे चरण में सैनिटरी पैड, धूपबत्ती जैसे अन्य उत्पाद का लक्ष्य है, ताकि उत्पादन में लगी महिलाओं की आमदनी बढ़ सके. कार्यक्रम की खासियत यह है की उत्पादक महिलाओं को वस्तुओं को बेचने की ज़िम्मेदारी से मुक्त रखा गया है. मार्केटिंग की ज़िम्मेदारी कंपनी ने अपने ऊपर रखी है, जिसके कारण उत्पादक महिलाएं निश्चिन्त होकर कार्य कर आजीविका कमा सकती हैं. अभियान के अंतर्गत हर पंचायत में ग्रामीण मॉल भी बनाकर स्थानीय को रोजगार से जोड़ा जाएगासाथ ही बडकागांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी पंचायतों में एक एक ग्रामीण-मॉल की स्थापना का भी लक्ष्य है, जिसका संचालन भी स्थानीय लाचार महिलाएं अथवा बेरोज़गार युवा करेंगे. कंपनी अपने सारे उत्पाद को इन ग्रामीण मॉल पर क्रेडिट पर उपलब्ध कराएगी और संचालक इन वस्तुओं के विक्रय से लाभ कमा सकेंगे. इसके अलावा हर ग्रामीण मॉल पर मिनी बैंक की सेवा भी उपलब्ध कराई जायेगी जिससे स्थानीय जनता सुरक्षित रूप से अपने बैंक खाते से पैसों की निकासी, पैसे जमा करना, अन्यत्र पैसे भेजना, बिजली बिल जमा करना, बीमा कराना, मोबाईल तथा डीटीएच रीचार्ज करना जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. वस्तुओं के विक्रय के लाभ तथा सेवाओं से प्राप्त कमीशन से आशा की जाती है की प्रत्येक ग्रामीण मौल संचालक कम से कम रु० 10,000/- प्रति माह कमा सकेगा. इसके अलावा सभी उत्पादित वस्तुओं को खुले बाज़ार में बेचने के लिए करीब 25 स्थानीय बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी जा सकेगी , जो संपूर्ण जिला में पदस्थापित होंगे. अम्बा सशक्तिकरण अभियान ASHA का उदघाटन 7 मार्च को महिला दिवस के शुभ अवसर पर बडकागांव में समारोहपूर्वक अम्बा ने अपनी दादी से कराने का निर्णय लिया है। महिला दिवस के दिन से प्रशिक्षण तथा उत्पादन का काम प्रारम्भ हो सकेगा. इसके लिए उन्होंने इंटीग्रेटेड प्रोडक्शन केंद्र का भी उदघाटन किया, जहाँ महिलाएं उपरोक्त वस्तुओं का उत्पादन करेंगी!इसके बारे में अंबा प्रसाद ने कहा कि जब भी कोई कंपनी क्षेत्र में आती है और जमीन का अधिग्रहण होता है, स्थानीय किसान और निवासी विस्थापित हो जाते हैं और आजीविका के लिए रोजगार की तलाश में अन्यत्र जाने को विवश हो जाते हैं. इसलिए मैने स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने को अपनी प्राथमिकता बनाई है. उसी क्रम में तत्काल में गरीब विधवाओ के लिए स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए इस अभियान की शुरुआत हो गई है।आगे अभियान में स्थानीय बेरोजगार युवाओं, विस्थापितो, प्रभावितों और महिलाओं को अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रोजगार से जोड़ा जाएगा!

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