कोरोना से जंग में चिकित्सकों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ, आशा व एएनएम भी योद्धा बनकर खड़े रहे। कोरोना महामारी के दौरान सैंपलिंग से लेकर लोगों को जागरूक करने तक में स्टाफ अग्रणी रहा। इन्हीं में से एक काठीकुंड अस्पताल में तैनात एएनएम हेमामालिनी हांसदा है। हेमामालिनी ने कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी दी। ड्यूटी के बाद भी एक्सट्रा कार्य किया। अपने क्षेत्र में जाकर गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा। सुबह घर से निकलती थी। शाम को वापस जाना होता था। इस दौरान घर को भी संभाला।जब से टीकाकरण प्रारंभ हुआ यह लगातार टीकाकरण का कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया। इस दौरान ये कोविड पॉजिटिव भी हुई,लेकिन कोरोना को हराकर और बिना अतिरिक्त छुट्टी लेते हुए पुनः की भांति अपने कार्य क्षेत्र में योगदान देने लगी। एएनएम हेमामालिनी ने बताया कि जब कोरोना महामारी फैली। तब शुरूआत में काफी डर लगा था। जब ड्यूटी करने लगे, तो यह आदत में शुमार हो गया। जिस तरह से खुद को बचाया। इसी तरह से लोगों को भी जागरूक करने लगे। उन्हें समझाते हैं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क अनिवार्य है। हाथों को साफ करते रहे। अक्सर गांवों में लोग स्वच्छता पर अधिक ध्यान नहीं देते। इसलिए गांव में जहां भी जाते। वहां लोगों को हाथों को सैनिटाइज करने के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव हेतु मास्क और टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। इनकी इस सच्ची सेवा भाव को देखकर काठीकुंड के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि ऐसी ही योद्धाओं के कारण ही हम अपने परिवार एवं समाज को सुरक्षित रख सकते हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सभी से अपील की है कोविड 19 का टीका अवश्य लें। बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकले। घर में रहें ,सुरक्षित रहें।