रांची – शुक्रवार को सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने की सूचना मिलते ही महापौर आशा लकड़ा अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची और सफाईकर्मियों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने सफाईकर्मियों को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सफाईकर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन माह (मार्च, अप्रैल व मई) तक मानदेय के अतिरिक्त दो हजार रुपये का भुगतान किया गया था। परिषद् की बैठक में लिए गए निर्णय के तहत प्रोत्साहन राशि के रूप खर्च की गई अतिरिक्त राशि की मांग नगर विकास विभाग से की गई है। संबंधित प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा जा चुका है। परंतु राज्य सरकार ने अब तक राशि उपलब्ध नहीं करायी। इस कारण जून माह से सफाईकर्मियों को दी जा रही प्रोत्साहन राशि में कटौती की गई है।उन्होंने बतााया कि वर्तमान में रांची नगर निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को रांची नगर निगम की जरुरतों को देखते हुए सफाई, सैनिटाइजेशन व सफाईकर्मियों के प्रोत्साहन राशि के लिए आवश्यकतानुसार फंड आवंटित किया जाना चाहिए। हालांकि राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं कर रही है। इस संबंध में महापौर ने बताया कि नगर विकास विभाग झारखण्ड सरकार को नगर निगम के द्वारा पत्रचार किया गया है। साथ ही पुनः मै भी विभाग को पत्रचार कर प्रोत्साहन राशि के रूप में खर्च की गई राशि उपलब्ध कराने की मांग करूंगी, ताकि शहर की सफाई व्यवस्था सुचारु रुप से चलती रहे। महापौर ने सफाईकर्मियों से कहा कि संकट की इस घड़ी में सहयोग करें। यह वक्त हड़ताल पर जाने का नहीं है। शहरवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने का है। सफाईकर्मियों को बताया कि उन्हें प्रतिमाह मिलने वाले मानदेय में 700 रुपये की वृद्धि की गई है। मानदेय में की गई वृद्धि 24 अक्टूबर 2019 से लागू की गई है। सफाईकर्मियों को मानदेय वृद्धि के साथ आठ माह के एरियर का भी भुगतान किया जाएगा।मार्च, अप्रैल व मई माह में सफाईकर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक करोड़ सात लाख 76 हजार (1,07,76,000 रुपये) का भुगतान किया गया।सफाईकर्मियों का मानदेय 225 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 294 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। अब निगम के दैनिक सफाईकर्मियों को 294 रुपये प्रतिदिन की दर से न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।