शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य परिवार एवं जनकल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत पलामू ज़िला के मेदिनीनगर और सतबरवा प्रखंड के सरकारी शिक्षकों का पांच दिवसीय ऑनलाइन वर्चुअल प्रशिक्षण का समापन आज दिनांक 14 अगस्त 2021 को हुआ।इस प्रशिक्षण में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, विद्यालय में होने वालीं हिंसा व चोट के रोकथाम, प्रजनन स्वास्थ्य, एच आई वी की रोकथाम तथा इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग , सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहारों को समझने व सीखने के अवसर को बढ़ावा देने हेतु वर्चुअल माध्यम से 24 मास्टर्स ट्रेनर्स के द्वारा सदर व सतबरवा के मध्य, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।प्रशिक्षण को लेकर सम्पूर्णा कंसोर्डियम के नीलेश शर्मा ने बताया कि जिले में इस कार्यक्रम के संचालन हेतु 24 राज्य साधन सेवियों को स्कूली शिक्षा झारखंड सरकार के द्वारा मार्च 2021 में ऑफ लाइन मोड में प्रशिक्षित किया गया है। इन 24 राज्य साधन सेवियों के द्वारा सभी मध्य, माध्यमिक व उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के चयनित दो शिक्षकों को स्वास्थ्य व आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया गया। इसी कड़ी में राज्य साधन सेवी दिनेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस प्रशिक्षण में दोनों प्रखंडों के 60-60 विद्यालयों के चयनित 120 स्वास्थ्य व आरोग्य दूतों को एनसीइआरटी द्वारा तैयार किए गए मॉड्यूल्स के द्वारा मध्य व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत किशोर एवं किशोरियों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं सामजिक स्वास्थ्य की देखभाल के साथ विद्यालय स्तर पर होने वाली हिंसा व चोट की रोकथाम व उसके उपाय को लेकर शिक्षकों में कौशल विकास को लेकर यह प्रशिक्षण दिया गया। जिसका उपयोग विद्यालयों में बच्चों के शिक्षण व सर्वांगीण विकास में काफी सहायक साबित होगा। विदित हो कि विद्यालय में होने वाली हिंसा व चोट के कारण अधिकतर बच्चे व बच्चियां विद्यालय से अध्ययन छोड़ देते हैं और उनकी पढ़ाई प्रारम्भिक स्तर पर छूट जाती है। वे बच्चे ड्राप आउट बच्चों के रूप में चिन्हित होते हैं,जिनकी संख्या अभी भी हमारे जिले में अधिक है। जिसे जागरूकता फैलाकर कम किया जा सकता है।प्रशिक्षण के मुख्य विषय ज्वलन्त चुनौतियों में से एक इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने एवं साइबर बुलिंग से बचने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान विद्यालय में शिक्षण कार्य बंद हैं और शिक्षण के लिए ऑनलाइन माध्यम ही एक मात्र सहारा है। परन्तु आवश्यक है कि इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग किया जाए और किशोर व किशोरियों को साइबर बुलिंग व अपराध से सुरक्षित रखा जाए। इस हेतु प्रशिक्षण में कौशल विकास पर चर्चा की गई।प्रशिक्षण में किशोर व किशोरियों के मानसिक व शारीरिक विकास के क्रम में होने वाले परिवर्तन, स्वास्थ्य एवं एच आई वी की रोकथाम हेतु जागरूकता को लेकर भी चर्चा किया गया। साथ ही शिक्षक एवं विद्यार्थियों के बीच में बच्चों के स्वास्थ्य व शारीरिक विकास के क्रम में आ रही समस्याओं और चुनौतियों पर खुल कर स्वस्थ बातचीत एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायता मिल सके इन सभी विषय वस्तुओं पर शिक्षकों को जागरूक व प्रेरित किया गया।प्रशिक्षण के अनुश्रवण के क्रम में सदर व सतबरवा प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रेम प्रकाश पांडेय ने वर्चुअल माध्यम से शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत के तहत भारत सरकार द्वारा आयोजित है। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को जीवन कौशल के गुण को आत्मसात करने का मौका मिला जिसका उपयोग शिक्षकों को विद्यालय के बच्चों तक पहुँचाने का कार्य करना है। इसलिए सभी शिक्षकों को मनोयोग से पांच दिवसीय प्रशिक्षण में बताए व सिखाये गुर को मनन करते रहने की आवश्यकता है जिसका उपयोग बच्चों के शिक्षण में किया जा सके।पलामू एडीपीओ व प्रशिक्षण नोडल पदाधिकारी उदय कुमार ने बताया कि इसी तरह ज़िले के सभी प्रखंडों के शिक्षकों का प्रशिक्षण लगातार संचालित होगा। जिसमें प्रत्येक मध्य,माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के दो शिक्षकों को सम्मिलित होना आवश्यक होगा।इस प्रशिक्षण में वर्चुअल रूप से उपस्थित होने वाले में जिले में कार्यक्रम को सहयोग दे रहे सम्पूर्णा कंसोर्डियम के निलेश शर्मा,एडीपीओ उदय कुमार,एवं एपीओ जॉन मुथु समेत सदर व सतबरवा प्रखंड के 240 शिक्षक व शिक्षिकाएं सम्मिलित हुए।