इस दौरान उपायुक्त द्वारा कुपोषण मुक्त खूंटी के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए न्यूट्रिशन ऑन व्हील के संचालन के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुपोषण के सर्वाधिक मामलों से जूझ रहे खूंटी जिले के लिए यह सराहनीय कदम है। आगे उन्होंने कहा कि जिले के कुपोषण उपचार केंद्र में भी आवश्यक सेवा प्रदान की जाएगी। इस निमित्त जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत न्यूट्रिशन ऑन व्हील सेवा शुरू की गयी है। खूंटी को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करते हुए पोषण से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करायी जाएगी। कुपोषण के मामलों को ठीक करने के लिए एक उचित माध्यम के रूप में गांव-गांव तक पहुंचकर सेवा दी जाएगी। जिसे मांग के अनुसार उपचार के बाद एमटीसी सेंटर ले जाया जा सकता है। उक्त वैन खूंटी प्रखण्ड के प्रत्येक पंचायत में कुपोषण के मामलों को चिन्हित कर आवश्यक सेवाएं प्रदान करेगी। न्यूट्रिशन ऑन व्हील में सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। वैन में खाना पकाने की जरूरत के समान, वजन मापने की मशीन, स्टैडोमीटर, एमयूएसी / ग्रोथ चार्ट और अन्य चिकित्सा जाँच उपकरण उपलब्ध हैं। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस पहल के लिए वर्तमान में खूंटी प्रखण्ड से शुरुआत की जा रही है। इसके साथ ही शिशु का वजन, शिशु की लंबाई की माप, अनीमिया, शारीरिक वृद्धि व अन्य बिंदुओं पर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें सेविकाओं व सहियिकाओं की भूमिका अहम है। कुपोषण मुक्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता की भी जरूरत है। इसमें न्यूट्रिशन ऑन व्हील बेहतर माध्यम है। ज्ञात हो कि कार्यक्रम की रूपरेखा को दर्शाते हुए बताया गया की आंगनवाड़ी सेविका और सहिया को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि वो सामुदायिक स्तर पर कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें नुट्रिशन ऑन व्हील कार्यक्रम से जोड़ा जा सके, ताकि उन्हें समुदाय स्तर पर उचित पोषण एवं पोषण संबंधी जानकारी देकर कुपोषण से बचाया जा सके। साथ ही आज से जिले में पोषण अभियान की शुरुआत की जा रही है। अभियान के अंतर्गत 1 सितंबर से 30 सितंबर 2021 तक निर्धारित पोषण माह के दौरान जिला स्तर से लेकर पंचायत एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के स्तर तक पूरे जिले में प्रभावी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।