सरकारी अस्पतालों के अंदर एवं बाहर नागरिक सुविधाएं, साफ-सफाई और स्वच्छता के मानको को बहाल करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा कायाकल्प कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसे लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में कायाकल्प पर एकदिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिला गुणवत्ता परामर्शी सन्तोष कुमार एवं अस्पताल प्रबन्धक सुनीत श्रीवास्तव के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को कायाकल्प अवार्ड मिला। चालू वित्तीय वर्ष में इससे भी अधिक स्वास्थ्य संस्थानों के कायाकल्प अवार्ड प्राप्त करने के लिए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबन्धक एवं लेखा प्रबन्धकों को प्रशिक्षित किया गया। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नागरिक सुविधायें, पेयजल, स्वच्छता, साफ, सफाई, शॉकपिट, बॉयोमेडिकल वेस्ट का उचित निपटान, एको फ्रेंडली हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने के लिए आठ थीमेटिक एरिया पर काम किया जाता है। आदर्श अस्पताल के रूप में बनाने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन 15 जून 2015 से कायाकल्प कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। कायाकल्प अवार्ड पाने के उपरांत प्राप्त राशि की 75 फीसदी राशि को अस्पताल के विकास और 25 फीसदी राशि कर्मियों के प्रोत्साहन के लिए दिया जाता है। अलग अलग संवर्ग में 50 हजार से लेकर 50 लाख रुपये तक के अवार्ड सरकारी अस्पतालों को दिए जाते हैं।