सफलता का कोई शॉर्टकट विधि नहीं होता। विद्यार्थियों का कठिन परिश्रम ही उन्हें ऊंचाइयों पर ले जाता है। आत्मविश्वास के साथ विद्यार्थी समय प्रबंधन कर समय का सदुपयोग करें और प्राथमिकता तय करते हुए एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई करें, तो सफलता कदम चूमेगी। विद्यार्थी अपने अंदर की कमजोरी को छूपायें नहीं। शिक्षण कार्य की गहराई एवं कमजोरी का स्वयं मूल्यांकन कर आगे बढ़े। विघार्थी अपने-आप को रोल मॉडल बनाएं। शिक्षा पर ईमानदारी पूर्वक ध्यान दें, तो सफलता के प्रति विघार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह बातें आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने कही। वे आज विमला पांडेय मेमोरियल ज्ञान निकेतन स्कूल में आयोजित मोटिवेशनल कार्यक्रम में बोल रहे थे। आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक वर्ग के बच्चों को सफलता हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता पढ़ाई करने के तौर-तरीके, ग्रहण करने की शक्ति पर भी निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि सफलता सिर्फ सोचने एवं सपने देखने से नहीं मिलती। अपनी क्षमता के अनूरूप सपने देखें और अपने-आप का मूल्यांकन कर उसके अनुरूप कार्य करना चाहिए। उन्होंने विघार्थियों को ग्रुप बनाकर पढ़ाई करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि ग्रुप में पढ़ाई करने से एक ओर जहां चीजें स्पष्ट होती है, वहीं दूसरी ओर उनका हिचक दूर होता है और किसी के समक्ष बातों को रखने में कोई असुविधा भी नहीं होती। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास होनी चाहिए कि वे क्या कर सकते हैं! विघार्थी जितनी अधिक मेहनत करेंगे, उतना ही उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा। आयुक्त ने कहा कि समय प्रबंधन करना एवं अपने- आप को अनुशासन में रखना जीवन के लिए बेहतर है। विद्यार्थी अपने लिए नियम बनायें और उसका कड़ाई से पालन करें। कोई भी चीज है ‘कल पर नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कल कभी नहीं आता। उन्होंने कहा कि खुद से बनाए नियम को अगर तोड़ते हैं तो इसकी पश्चाताप होगी और पुनः इसका पालन करना शुरू कर देंगे। आयुक्त ने विघार्थियों को कहा कि तनाव सकारात्मक होने से वह सफलता के लिए प्रेरित करता है। नकारात्मक तनाव प्रगति को नकारात्मकता की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि समय प्रबंधन से तनाव को भी समाप्त किया जा सकता है। आयुक्त ने कहा कि समझ के साथ-साथ जवाबदेही बढ़ती है। इसलिए खुद में समझ विकसित करें। आयुक्त ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि 10वीं और 12वीं के बाद वे लक्ष्य चुनने में विघार्थी अपनी अभिरुचि का ध्यान रखें। सफलता के लिए एकाग्रता आवश्यक है। यह अभिभावक और शिक्षक प्रेरित नहीं कर सकते। स्वयं से नियंत्रित और प्रेरित होना चाहिए। आयुक्त ने शिक्षण कार्य में सोशल मीडिया के सदुपयोग पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण उपयोग पढ़ने में सहायक है। आयुक्त ने छात्र-छात्राओं के प्रश्न का भी जवाब सरल, रुचिपूर्ण एवं प्रेरणादायक तरीके से दिया। स्कूल की प्रचार्या सुनीता शर्मा ने आयुक्त एवं विद्यार्थियों को अवगत कराया कि यह विद्यालय विद्यार्थियों की चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यालय के अध्यक्ष बलिराम शर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा ह्रास शिक्षा क्षेत्र विशेषकर बच्चों को हुआ है। विद्यालय के संस्थापक राम कृपाल सिंह ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आज बच्चे सिर्फ अपनी चुनौतियों को देखें। शैक्षणिक निदेशक शंकर दयाल ने कहा कि बच्चे अपनी क्षमता को पहचाने और अपनी क्षमता का सदुपयोग करें। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रभारी मनोज कुमार ने किया। कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षक मिथिलेश शर्मा ने मंगलाचरण पाठ किया। कार्यक्रम के शुरुआत में छात्र प्रतिनिधि अदिति पांडेय ने आयुक्त का स्वागत करते हुए सफलता के टिप्स देने हेतु अनुरोध किया।