फसलों का बीज उत्पादन कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। बीज उत्पादन किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। सामान्य उत्पाद की कीमत से ज्यादा कीमत बीज उत्पादन कर बिक्री में मिलेगी। किसान गुणववत्तायुक्त बीज का उत्पादन करेंगे, तो यह बड़ा व्यवसाय हो सकता है। यह बातें क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र (जेडआरएस) चियांकी के वैज्ञानिक डाॅ0 कुमार शैलेन्द्र मोहन ने कही। वे आज तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कायर्क्रम में बोल रहे थे। रबी फसलों का बीज उत्पादन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम जेडआरएस सभागार में चल रहा है। यह कार्यक्रम आत्मा, लातेहार द्वारा वित्त संपोषित है और बरवाडीह प्रखंड के कचनपुर गांव के कृषक भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम 4 मार्च तक चलेगा। उन्होंने कहा कि फसल की अच्छी उपज के लिए उपजाउ मिट्टी होना जरूरी है। जैविक खाद के माध्यम से उत्पादन अधिक लिया जा सकता है और मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है।वैज्ञानिक डाॅ0 अखिलेश साह ने बीज उत्पादन के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को गुणवत्तयुक्त बीज बनाने, बीज के प्रकार एवं उत्पादन संबंधी पहलुओं का पालन करते हुए बीज उत्पादन करने पर बल दिया। कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने बीज ग्राम के निर्माण, आधार बीज कहां से प्राप्त की जा सकती है, रजिस्ट्रेशन कराने की विधि, अंकुरण, जांच, प्रसंस्करण, बीज उपचार, बीज की शुद्धता बनाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बीज ग्राम बनाने की दिशा में कार्य की जा रही है। बीज ग्राम बनाकर किसान अनाज वाली फसलों का बीज उत्पादन करेंगे, तो उन्हें अत्यधिक फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन रोजगार का बड़ा साधन बन सकता है। वैज्ञानिक सहायक अभिषेक पटेल बीज रजिस्ट्रेशन तथा एनएससी के निर्माण के बारे में चर्चा की। प्रशिक्षण के पूर्व क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ0 कुमार शैलेन्द्र मोहन, प्रमोद कुमार, डाॅ0 अखिलेश साह एवं अन्य कृषकों ने संयुक्त रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की। मौके पर कर्मचारी सहायक के रूप में उदयनाथ पाठक, सुरेन्द्र सिंह, यूगेश्वर महतो, श्रवण यादव, अमीत विश्वकर्मा ने प्रशिक्षण में सहयोग किया। प्रशिक्षण में किसान मित्र वैजनाथ सिंह, कृषक राम प्रवेश सिंह, अनिता देवी, उमा देवी, जनेश्वर सिंह, बुद्धन सिंह, उदय सिंह, अमेरिका सिंह सहित 30 कृषक प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं।