गिरिडीह: (कमलनयन)
पृथक झारखंड बनने के दो दशक बाद भी यहां के मजदूरों को घर-गांव से हजारों मील दूर देश-विदेश के महानगरों में काम कर पेट की आग बुझाने को विवश हैं, तभी तो गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो और धनबाद के प्रवासी मजदूरों को आए दिन विदेशों से वतन वापसी की गुहार लगानी पड़ती है. मलेशिया में फंसे बीस मजदूरों के स्वदेश वापसी की प्रक्रिया अभी चल ही रही है, इस बीच दो मई को श्रीलंका में फंसे 19 प्रवासी श्रमिकों ने सोशल मीडिया के जरिये केन्द्र व राज्य सरकार से अपने घर वापसी की अपील की है।
मजदूरों ने केंद्र व झारखंड सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा
श्रीलंका से गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिलों के 19 सभी मजदूरों ने भारत सरकार व झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा है। संदेश में कहा गया है कि कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिलने से वे लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। सभी मजदूरों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं. बता दें, कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं। पिछले कई सालों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं। पिछले गुरुवार को मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरों की वतन वापसी हुई है, जबकि 20 मजदूर अभी भी मलेशिया में ही हैं। राज्य के कई इलाकों में विदेशी कंपनियों के लिए काम करने वाले ब्रोकर गिरोह के लोग मजदूरों को ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर विदेशों में भेजने का काम करते हैं. इसी क्रम में 19 श्रमिकों को कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा श्रीलंका पहुंचा दिया। लेकिन जब वहां काफी कम मेहनताने पर काम कराया जाने लगा तो मजदूर ठगा से महसूस कर रहे हैं। और अब घर वापसी की गुहार लगा रहें हैं।
कबतक ऐसी त्रासदी का शिकार होते रहेंगे मजदूर?
प्रवासी मजदूरों के हित में काम कर रहे झारखंड के भाई सिकन्दर अली ने बताया कि यह इलाके की कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें रोजगार के अभाव में काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, लेकिन उन्हें कई तरह की यातनाएं भी झेलनी पड़ती हैं। फिर काफी मशक्कत के बाद अपने वतन वापस लौट पाते हैं. इन सबके बीच आज भी इन इलाकों में पलायन का दर्द और रोजी-रोटी की चिंता देखने को मिलती है। कहा कि झारखंड में जवबतक रोजगार की व्यापक व्यवस्था नहीं होगी, तब तक मजदूरों का पलायन देश-विदेश में जारी रहेगा। और गरीब मजदूर इस प्रकार की त्रासदी का शिकार होता रहेगा.
ये मजूदर हैं शामिल
बताया गया कि जो मजदूर श्रीलंका में फंसे है उनमें, गिरिडीह जिले के वकील महतो, कारू अंसारी, अब्दुल अंसारी, अख्तर अंसारी, फिरोज आलम, छत्रधारी महतो, देवानंद महतो, सहदेव महतो, रामचंद्र कुमार, प्रसादी महतो, प्रदीप महतो, तुलसी महतो, कोलेश्वर महतो, तिलक महतो, राजेश महतो, महेश महतो, धनबाद के मनोज कुमार और हजारीबाग के नागेश्वर महतो एंव देवेन्द्र महतो शामिल हैं.