रांची
अब झारखंड में राज्य खाद्य आयोग की टीम आमलोगों के पास खुद पहुंचेगी. इसका पूरा रोड मैप तैयार कर लिया गया है. 18 जुलाई से लाभुकों और मुखियाओं से सीधे संवाद के जरिए जन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा. चूंकि अधिकतर लोगों को यह पता भी नहीं है कि राज्य खाद्य आयोग क्या है? और उनके लिए यह कैसे मददगार साबित हो सकता है. इसलिए खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने यह तय किया है कि अब जिलों का दौरा कर लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी और उसका निष्पादन भी किया जाएगा. 18 जुलाई से राज्य के पिछड़े जिले पलामू से इसकी शुरुआत की जाएगी.
एक जिले में तीन दिनों का प्रवास होगा
इस संबंध में राज्य खाद्य आयोग हिमांशु शेखर चौधरी ने कल मीडिया में इसकी जानकारी साझा की है. श्री चौधरी ने कहा कि एक जिले में तीन दिनों का प्रवास होगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का निष्पादन हो सके. इस दौरान आयोग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिले अधिकारों की जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि जन सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 से आच्छादित योजनाओं जैसे जन वितरण प्रणाली, मध्यान्न भोजन, आंगनबाड़ी केंद्र, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना और कुपोषण उपचार केंद्र से संबंधित शिकायत पर चर्चा होगी. जनसुनवाई के दौरान आम लोग आयोग के समक्ष सीधे शिकायत दर्ज कर सकते हैं. राज्य खाद्य आयोग में 301 शिकायतें विभिन्न जिलों से प्राप्त हुई हैं. इसमें 164 का निष्पादन हो चुका है. आयोग में दर्ज शिकायतों में सर्वाधिक शिकायतें पीडीएस दुकानों से जुड़ी हुई हैं.
कई जिलों से एक भी शिकायत नहीं आई
श्री चौधरी ने बताया कि राज्य राज्य खाद्य आयोग में सबसे अधिक शिकायतें पलामू जिले से पहुंची हैं. इसलिए सबसे पहले उन्होंने पलामू जिले के चयन किया है. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कई जिले से एक भी शिकायत नहीं आई है. आयोग ने बताया कि जिन जिलों राज्य खाद्य आयोग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से संबंधित शिकायतों के लिए वाट्सअप नंबर 9142622194 के अलावा वेबसाइट www.jharkhandsfc.in को जारी किया है. वहां जागरूकता का अभाव है. इन जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा.
पहले दिन लंबित मामलों की सुनवाई होगी
पलामू में पहले दिन 10.30 से 12.30 बजे तक संबंधित जिले के आयोग में लंबित मामलों की सुनवाई जिला परिसदन के सभाकक्ष में की जाएगी. उसी दिन अपराह्न दो बजे से शाम 5 बजे के बीच 3 से 4 प्रखंडों को मिला कर किसी एक स्थान पर अधिकतम 100 मुखिया से सीधा संवाद कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत मिले अधिकारों की जानकारी दी जाएगी. तीसरे दिन पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 1 बजे के बीच परिसदन के सभाकक्ष या जिला मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान पर जन सुनवाई की जाएगी. इस सुनवाई में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के आच्छादित योजनाओं जैसे-जन वितरण प्रणाली, मध्याह्न भोजन, आंगनबाड़ी केंद्र और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं कुपोषण उपचार केंद्र से संबंधित शिकायत जनता आयोग के समक्ष रख सकती है.
जन सुनवाई के दौरान अधिकारी रहेंगे मौजूद
उन्होंने बताया कि ये वो शिकायतें होंगी जो जिले के जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी (अपर समाहर्ता) या आयोग के पास पूर्व में दर्ज नहीं करायी गई हो. इस जन सुनवाई के दौरान जिले के जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी (अपर समाहर्ता), जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और सिविल सर्जन मौजूद रहेंगे, ताकि जनता की शिकायतों का निबटारा तत्काल किया जा सके. तीसरे दिन के अपराह्न 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच परिसदन में मीडिया से संवाद स्थापित कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की जानकारी देने के अलावा जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की स्थिति का फीडबैक लिया जाएगा. आयोग के अध्यक्ष और सदस्य जिला प्रवास के दौरान जनवितरण प्रणाली की दुकानों, स्कूलों में दिये जा रहे मध्यान्न भोजन, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति, कुपोषण उपचार केंद्रों में प्रदत्त सुविधाओं का भी औचक निरीक्षण कर यथास्थिति का जायजा लिया जाएगा.