क्या देश सिर्फ धारा 370 , तीन तलाक ,और राम मंदिर से चल जायेगा 2014 में भारत की जनता खासकर युवाओँ ने अच्छे दिन आने एवं बेरोजगारी दूर होने की उम्मीद से मोदी सरकार को बनाया था . किन्तु अभी 8 साल पुरे होने के उपरांत मोदी सर्कार का आकलन किया जाय तो मोदी सरकार अदूरदर्शी एवं अनुभवहीन तथा हिटलरशाही प्रवृति की नजर अति है ..कोई भी कदम देश में उठाना हो तो बिना तयारी के बिना किसी से विमर्श के उठाती है बिना यह जाने की इसका दूरगामी परिणाम क्या होगा . जब से मोदी सरकार आयी है .देश की जनता सड़क पर है .इस सरकार का आचरण विरोधी दल जैसा ही है अभी तक .कभी भूमि अधिग्रहण बिल , नोट बंदी , GST , CAA, NRC, किसान विरोधी कृषि कानून , कोविद कोविद के समय लॉक डॉन हो . कोई भी कदम सराहा नहीं गया और जनता परेशां ही रही . एक मुद्दा वापस होने पर थोड़ी शांति लगती है तो किसी नए मुद्दे को लेकर आमजन को सड़क पर ला देती है ये सरकार समझ में नहीं आएगा की इनके मार्गदर्शक कौन है जिन्हे शांति एवं सुविधाजनक तरीके से कोई कानून पास होता ही नहीं या इन्हे जब जनता घरों में रहती है तो अच्छा ही नहीं लगतस है . किसानो के साथ खिलवाड़ किया गया .800 किसान शहीद हुए तो उन्हें आतंकवादी कहा गया .नोटेबंदी के समय आमआदमी को लाइन में खड़ा किया गया पैसे नहीं मिलने की शिकायत हुई तो भी गैर जरूरतमंद बताया गया . GST के समय भी सारे रोजगारी सड़क पर आये तो रोज नए बदलाव के साथ संशोधन किये गए .मतलब की आपकी तयारी नहीं रहती और एकाएक आपकी आदत हो गयी है किसी दिन कोई भी घोषणा करने की .आज बेरोजगारी से देश तबाह है .4 साल की ठेके पर नौकरी देकर युवाओं को गुमराह करने की कोशिश है .मोदी सरकार की यह नयी सोच है की जिस तरह से 5 किलो मुफ्त खाद्यान देकर उत्तर प्रदेश के 10 से 15 फीसदी गरीब लाचार लोगों का वोट लेकर चुनाव जीता गया है .वही चाल युवाओं के साथ चला गया है की 4 साल की नौकरी में 12 लाख देकर 2024 का चुनाव जीता जाय.किन्तु मोदी जी भूल गए भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और सबसे ज्यादा वोटर भारत के युवा ही है तथा 2014 एवं 2019 में युवाओं ने ही उन्हें जीत दिलाई है . 4 साल की नौकरी के बाद बेरोजगारी की हालत में ये युवा भारत के विभिन्न प्रदेशों में कानून व्यवस्था के लिए एक समस्या बन जायेंगे . कुछ युवा जब जवानी में भटक कर गलत लाइन पकड़ते है तो वो कानून व्यस्था के लिए चुनौती बन जाते है . और ये हर साल 38 से 40 हजार युवा ट्रैनेड होकर अपने आपको क्या फिर से बेरोजगारी के हालत में समाज में मुख्या धारा में समाहित कर पाएंगे .एक दो प्रतिशत भी अगर बिगड़ गए तो मोदी सरकार या कोई भी राज्य सरकार के लिए चुनौती बन जायेंगे . नव युवाओं के भविस्य से खिलवाड़ बिलकुल ही अच्छा नहीं है .सरकार अगर जवां सेना चाहती है तो रिटायरमेंट की उम्र एक या दो साल घटा सकती थी लेकिन सारी सुविधाओं को यथावत रखते हुए . क्योंकि 4 साल की नौकरी में हमारे जवान खुद असुरक्छित महसूस कर रहे है तो देश की सुरक्छा क्या करेंगे .
असली उद्देस्य सरकार की आर्थिक विफलता को छिपाना है . पिछले तीन साल में 150000 जवान सेना से रिटायर हुए है . अगले तीन साल में सरकार 50-50 हजार कर 150000 लाख जवान की बहाली करेगी जिसमे 75% रिटायर कर जायेंगे मतलब की 112500 जवान रिटायर करेंगे एवं 37500 जवान अपनी नौकरी को सलामत रख पाएंगे . मजेदार तथ्य ये है की अगले तीन साल में ये बहाली होते होते 150000 जवान और भी रिटायर कर जायेंगे .यानि की कुल 3 लाख जवान के रिटायरमेंट पर सिर्फ 37500 की बहाली ये है मोदी सरकार का रोजगार देने का वादा और तरीका .तीन लाख सैनिक की जगह आप 37500 सैनिक से काम चलाएंगे .देश को कैसे सुरक्छित रखेंगे एवं देश की सैन्य स्थिति क्या होगी . समझना या तो आसान है नहीं तो बहुत मुश्किल ..
जयहिन्द
प्रवीण यादव