रांची: झारखंड राज्य राजस्व उप-निरीक्षक संघ की पिछले दिन हुई कार्यकार्यकारिणी की बैठक में पूर्ववर्ती मांगों के अलावा अन्य मांगों से संबंधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री व राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को देने का निर्णय लिया गया है. बैठक में संघ के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा कार्यकारिणी सदस्यों के अलावा 24 जिलों के राजस्व उपनिरीक्षकों ने भाग लिया. यह जानकारी संघ की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है.
क्या हैं प्रमुख मांगें…?
संघ की विज्ञप्ति के अनुसार मुख्य मांगों में राजस्व उपनिरीक्षकों का बेसिक ग्रेड-पे 2400 और तीन साल के बाद 2800 करने, अंचल निरीक्षकों सह कानूनगो का पद शत-प्रतिशत प्रोन्नति से भरने के लिए 50 प्रतिशत वरीयता के आधार पर और 50 प्रतिशत सीमित परीक्षा के आधार पर प्रोन्नति देने,राजस्व प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, राजस्व उपनिरीक्षकों को लैपटॉप के साथ नेट की सुविधा देने, हल्का इकाई का पुनर्गठन करने, राजस्व उपनिरीक्षकों के रिक्त पदों को अविलंब भरने के अलावा क्षेत्र भ्रमण के लिए सभी राजस्व उपनिरीक्षकों को दोपहिया वाहन उपलब्ध कराने की मांगें शामिल हैं.
14 सितंबर को सीएम हाउस का घेराव
संघ द्वारा मांगों के समर्थन में क्रमवार कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं. 25 अगस्त को राज्य के सभी राजस्व उपनिरीक्षक काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे. 29 अगस्त को कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे. 2 सितंबर को जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जाएगा. 8 सितंबर को डीसी के समक्ष प्रदर्शन कर राज्य स्तरीय मांगों का ज्ञापन स़ौपेंगे. इसके अलावा 14 सितंबर को राज्य के सभी राजस्व उपनिरीक्षक मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे.
बैठक में ये लोग थे शामिल
बैठक में मुख्य रूप से संघ के मुख्य संरक्षक भरत कुमार सिन्हा, अध्यक्ष अमर किशोर सिन्हा, महामंत्री दुर्गेश मुंडा, उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद, संयुक्त सचिव रवींद्र प्रसाद के अलावा राजेश कुमार, लखींद्र मांझी, मनोज कुमार गुप्ता, मो. फारूख, नवल किशोर, दिनेश अधिकारी, भीम राम, अभिषेक कुमार, चंद्रदीप गांधी, आशुतोष चौबे, करमा कच्छप, विनय कुमार सिंह, बसंत कुमार भगत, विष्णु कुमार, प्रवीण कुमार, सुनील कुमार आदि लोगों ने भाग लिया.