दुमका – उपायुक्त राजेश्वरी बी की अधयक्षता में *जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक* समाहरणालय सभागार में हुई। बैठक में बाल संरक्षण संबंधित एजेंडा के मुख्य बिदुओं पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा एवं उनका लगातार फॉलोअप करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिले में कार्य कर रही चाइल्डलाइन, स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सभी प्रखंडों में गठित प्रखंड बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम बाल संरक्षण समिति को सशक्त करने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएं। बाल मजदूरी से बच्चों को मुक्त कराना एवं उनके गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाना महत्वपूर्ण है। बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करना एवं बाल विवाह की सूचना मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं स्थानीय थाना प्रभारी द्वारा अविलंब कार्रवाई की जानी आवश्यक है।
*उपायुक्त ने दिए कई महत्वपूर्ण निदेश*
उपायुक्त राजेश्वरी बी ने 15 दिनों के अन्दर प्रत्येक ग्राम में ग्राम प्रधान अथवा गांव के जनप्रतिनिधि की अध्यक्षता में ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन कर बाल विवाह की संख्या सीडीपीओ के माध्यम से मंगाकर उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए आंगनवाड़ी सेविका एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों को भी जिम्मेवार बनाया जाएगा। समिति प्रत्येक माह बैठक आयोजित कर बच्चों की वर्तमान स्थिति को चाईल्ड ट्रैकिंग रजिस्टर में दर्ज करें, जिससे कठिन परिस्थिति में रहने वाले ( गुमशुद/ यौन शोषण/ पलायन/ बाल व्यापार/ बाल विवाह/ बाल श्रम/ विद्यालय से बाहर / अनाथ/ एकल परिवार के बच्चे/ गंभीर बिमारी से ग्रसित बच्चे/ निःषक्त) बच्चों की जानकारी प्राप्त हो सके। प्रखण्ड स्तर पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के द्वारा प्रखण्ड प्रमुख की अध्यक्षता में गठीत प्रखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति द्वारा प्रत्येक माह चाईल्ड ट्रैकिंग रजिस्टर का समीक्षा कर त्वरीत समाधान किया जाएगा। उन्होने कहा कि बाल विवाह उन्मूलन हेतु बनाये गये जिला कार्ययोजना को जल्द ही स्वीकृत किया जाएगा। समेकित बाल संरक्षण योजना के द्वारा स्पोंषरषिप योजना से जरूरतमंद बच्चो को जोड़ने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थति के बच्चों की सूची तैयार करने हेतु जिला स्तर पर एमआईएस तैयार किया जाए। बाल विवाह कराने वालों को सख्त सजा का प्रावधान है। बालश्रम और ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू कराये गये बच्चो का फाॅलोअप कर योजना से लाभ दिया जाएगा।
*बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता*
उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि कोविड के कारण अनेक परिवार बेरोजगार हुए हैं, हजारो लोग पलायन से वापस अपने गांव आए हैं, उनके साथ उनके बच्चे भी वापस आए हैं। ऐसे परिवार कठीन परिस्थिति में जीवन बसर कर रहे हैं, उनके बच्चों का ट्रैफिकिंग, बाल विवाह, बालश्रम से प्रभावित होने की प्रबल संभावना है। बच्चों को इससे बचाने हेतु ग्राम स्तर पर कठीन परिस्थति मे रहने वाले बच्चों को चिन्हीत कर उन्हें शिक्षा से जोड़ने की आवष्यक्ता है। और उनके परिवारों को रोजगार से जोड़ने की आवष्यक्ता है। विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों के लिए ब्रीज कोर्स का व्यवस्था कराया जाए ताकी बच्चों को बुनियादी शिक्षा देकर विद्यालय से जोड़ा जा सके।
जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा ने कहा कि जिला से बाल विवाह उन्मूलन, एवं बच्चों को ट्रैफिकिंग से बचाने के लिए लोगों को जागरूक होने की आवष्यक्ता है। इसके लिए ग्राम स्तर पर विषेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा और मुखिया, वार्ड सदस्य को जिम्मेवार बनाकर अभियान चलाया जाएगा। बाल विवाह का मुख्य कारण गरीबी और अशिक्षा है जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सरकार की योजनाओं के मदद से कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे। विभाग वार बनाये गये योजनानुसार कार्य करने की आवष्यक्ता है।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने समेकिति बाल संरक्षण योजना के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दिया, और कहा कि ग्राम स्तर, वार्ड स्तर, प्रखण्ड स्तर और जिला स्तर पर समिति का लगातार बैठक आयोजित कर बच्चों के समस्या का समाधान त्वरित रूप से कराया जाएगा।
*पदाधिकारी उपस्थित थे*
बैठक में प्रशिक्षु आईएएस दीपक दुबे, अनन्त कुमार झा सिविल सर्जन, पुनम कुमारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदादिकारी श्वेता भारती, मसुदी टुडू जिला शिक्षा अधिक्षक, राम समद पुलिस उपाधिक्षक, सिनी संस्था से स्नेहाद्री कुमार जाना, अमरेन्द्र कुमार यादव सचिव रेड क्राॅसव अन्य उपस्थित थे।