रामगढ़: शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी श्री कीर्ति श्री जी की उपस्थिति में मांडू प्रखंड अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में पोषण माह के तहत पोषक वाटिका, पोषक थाली के बारे में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रशिक्षण में आई सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं महिला कृषकों को कुपोषण से बचाओ के लिए भोजन में आवश्यक तत्व, अधिक प्रोटीन तत्व महत्ता के संबंध में जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र मांडू के प्रभारी डॉ दुष्यंत कुमार राघव ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के द्वारा विभिन्न निगाहों में पोषण के विषय पर ग्रामीणों, कृषकों महिला कृषकों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें पोषक तत्वों की जानकारी भी दी जा रही है जिससे सभी लोग तथा हमारी आने वाली पीढ़ी कुपोषण का शिकार होने से बचने में सक्षम हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें पोषक वाटिका, पोषक थाली के विषय में जानना अति आवश्यक है। जिनकी थाली पोषक तत्वों से भरपूर होगी उनके यहां स्वस्थ जीवन और उनकी आने वाली पीढ़ी भी कुपोषण मुक्त, स्वस्थ तथा कुशाग्र होगी। उन्होंने कहा कि जिनके पास पोषक वाटिका है उनके यहां भोजन की थाली आसानी से पोषक तत्वों से भरपूर हो सकती है। इसलिए हम सबको मिलकर पोषण के महत्व को जन जन तक पहुंचाना है और सभी को पोषक वाटिका तथा पोषक थाली के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
कार्यक्रम के दौरान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ इंद्रजीत ने पोषक वाटिका में लगाए जाने वाले साग सब्जी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पोषक वाटिका में ऋतु के अनुसार इस प्रकार से साग एवं सब्जियों को लगाया जाए जिससे वर्ष भर सब्जियों की की पूर्ति होती रहे और हमें एक ही प्रकार के आहार पर निर्भर नहीं रहना पड़े और हम सब कुपोषण से बच्चे और स्वस्थ रह सके।
केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सनी आशीष बालमूचू ने कार्यक्रम के दौरान कृषि में मौसम की महत्ता एवं मौसम की अग्रिम जानकारी का लाभ लेने के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा बनाए गए मेघदूत ऐप एवं दामिनी एप के इस्तेमाल पर जोर दिया।