नई दिल्ली//केंद्र सरकार ने पहली बार चोरी करने अथवा यात्री का अपहरण करने वाले अपराधियों पर नकेल कसने के मकसद से उनका ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) रद करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लेगी। डीएल व वाहन से जुड़े सभी दस्तावेजों को एम-परिवहन पर डाउनलोड कर इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड रखा जाएगा। राज्यों को भी अपना पोर्टल बनाना होगा जोकि एम-परिवहन से संबंद्ध रहेगा। सरकार के इस फैसले से क्षेत्रीय परिहवन कार्यायल (आरटीओ) में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को कई अधिसूचनाएं एक साथ जारी की है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली बार वाहन चोरी करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का कानून लागू किया है। वर्तमान व्यवस्था में पुलिस वाहन चोर पड़कने पर संबंधिति धाराओ में एफआईआर दर्ज कर जेल भेज देती थी। उसका डीएल रद्द करने का प्रावधान नहीं था। राज्यों से नया पोर्टल बनाने को कहा है। पुलिस को उक्त पोर्टल पर चोर के बारे में उल्लेख करना होगा। इसके आधार पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) उसका डीएल रद करेगी।
इसी प्रकार सरकार ने यात्रियों का अपहरण करने वाले ड्राइवरों का डीएल रद्द करने का फैसला किया है। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े गुरमीत का कहना है कि कैब-टैक्सी में सफर करने वाली अकेली महिलाओं की सुरक्षा मजबूत होगी। वहीं, ट्रक, बस, टैक्सी चलाने वाले अपराधियों की पहचान हो सकेगी। मंत्रायल की एक दूसरी अधिसूचना में राज्य की पुलिस , परिवहन विभाग अथवा अन्य सादी वर्दी में तैनात अधिकारी को सड़क पर रोके गए सभी वाहनों के नंबर व ड्राइवर सहित जानकारी राज्य के पोर्टल में दर्ज कराना अनिवार्य होगा। इसमें जिनके दस्तावेज पूरे हैं और कोई ई-चालान नहीं किया उसका भी जिक्र करना होगा। साथ ही स्टाप हस्ताक्षर युक्त रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। इससे ड्राइवरों का नाहक शोषण रुकेगा।