उपायुक्त, श्री शशि रंजन द्वारा कर्रा प्रखण्ड अंतर्गत लोयंकेल ग्राम में मनरेगा पार्क निर्माण किये जाने हेतु भ्रमण किया गया। साथ ही निर्माण से सम्बंधित स्थल का भौतिक निरीक्षण करते हुए आवश्यक बिंदुओं पर चर्चा की गई। मौके पर उपायुक्त ने मनरेगा पार्क को विकसित करने हेतु बिंदुवार व्यवस्थाओं के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
स्थल भ्रमण के दौरान उन्होंने कहा कि उद्यान कृषि, फूलों की बागवानी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन्नत एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई से संबंधित प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उन्हें मनरेगा के तहत शुरू की जानेवाली ऐसी योजनाओं में रोजगार दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ये मॉडल पार्क होगा, जिसमें ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे।
यह मनरेगा पार्क ग्रामीणों के लिए भी एक उदाहरण पेश करेगा तथा उन्हें इससे सीधा लाभ भी मिल सकेगा।
इसमें हॉर्टिकल्चर (उद्यान कृषि), फ्लोरीकल्चर (फूलों की बागवानी), मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन्नत एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई के मॉडल रहेंगे। हॉर्टिकल्चर के तहत फलदार वृक्ष (पॉमीलॉजी), विभिन्न तरह की सब्जियाें (ओलोरीकल्चर) का मॉडल रहेगा।
इस भ्रमण के दौरान मनरेगा पार्क हेतु भविष्य की नीतियों व कार्य योजनाओं पर मुख्य रूप से चर्चा की गयी।
इसके साथ ही यहां मनरेगा अंतर्गत चल रहे योजनाओं जैसे टी.सी.बी, सी.पी.टी आदी के डेमो-प्लोट हेतु आगे की रणनीति व तत्पर कार्य हेतु कुछ योजनाओं पर भी चर्चा की गयी। उन्होंने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु तालाबों का नवीनीकरण करवाते हुए उसे पुनः सुचारू किये जाने के निर्देश दिए।
साथ ही विशेष रूप से औषधिय पौधों का पौधारोपण कर उक्त के वृक्षारोपण को बढ़ावा देना। इमारती पौधों का सीमाओं पर वृक्षारोपण करना (जैसे- महागोनी, सागवान, सीसम इत्यादि)। मुर्गीपालन, बकरीपालन, कटकनाथ मुर्गे, बतख पालन हेतु शेड का निर्माण एवं
मछलीपालन हेतु तालाब का उपयोग आदि के सम्बंध में अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
इसके साथ ही उन्होंने टपक सिंचाई, पोषण वाटिका के डेमो-प्लोट का प्रदर्शन आदि विकसित किये जाने के सम्बंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के उद्देश्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा वर्षा के पानी को संगृहीत करने हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग इकाई की स्थापना करना व
PHED द्वारा पानी टंकी की सुविधा हेतु निर्देश दिए गए।
साथ ही पुष्प उत्पादन के माध्यम से विभिन्न फूलों की प्रजातियों की खेती का प्रदर्शन करना।
उपायुक्त द्वारा बताया गया कि इन योजनाओं के देख-रेख की ज़िम्मेदारी कर्रा आजीविका महिला संकुल संगठन की होगी। साथ ही इससे एस. एच. जी को जोड़कर उनके विकास की दिशा में भी सार्थक प्रयास सिद्ध हो सकेगा।
*इसी कड़ी में उपायुक्त द्वारा लतरातु डैम का भ्रमण किया गया।* उन्होंने कहा कि लतरातु डैम जिले का आकर्षण केंद्र है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम लतरातु डैम पर्यटक स्थल के रूप में उभरे। लोग यहां पिकनिक मनाने के लिए आते रहते हैं। आगे उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए इसे और भी आकर्षक बनाने हेतु यहां बोटिंग व अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कराई जाएंगी। साथ ही आगामी पर्यटन मोहोत्सव लतरातु डैम में मनाया जाएगा ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। साथ ही दूरदराज के इलाकों से पर्यटक यहां पहुंचे। इसके साथ ही इन पर्यटन स्थानों पर क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के कई अवसर प्रदान किये जा सकते हैं। साथ ही लतरातु डैम को विकसित करने की दिशा में विशेष विचार- विमर्श कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।