उपायुक्त, श्री शशि रंजन द्वारा जिला पशुपालन कार्यालय में NADCP का शुभारंभ किया गया। NADCP(राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम) का मुख्य उद्देश्य मवेशियों में बीमारी से बचाव के लिये टीकाकरण कर किसानों कोे अधिक से अधिक लाभ पहुँचना है। कार्यक्रम से FMD(खुरहा- मुंहपका) और ब्रसेलोसिस बीमारी का 2025 तक नियंत्रण एंव 2030 तक उन्मूलन करने हेतु टीकारण भी शामिल है।
मौके पर उपायुक्त द्वारा बताया गया कि पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये गम्भीर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। *उन्होंने कहा कि इस दिशा में ग्रामीण इलाकों में भी सेमिनार व बैठक आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।* ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पशुओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के उपायों को जान सकें। उपायुक्त ने मुख्य रूप से टैगिंग पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से पूर्व गौ जाति एवं भैंस जाति के पशुओं को टैगिंग करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सभी पशुपालकों का सहयोग अपेक्षित है। अपने पशुओं को टैग एवं टीका अवश्य लगवाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इसकी सफलता हेतु हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। इसमें जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं प्रखण्ड के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बेहतर रूप से कार्य किये जाने चाहिए।
इसी क्रम में जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे FMD कार्यक्रम में पशुओं में खुरपका-मुहपका रोग और ब्रसेलोसिस के नियंत्रण तथा उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। जिससे पशुओं का टीकाकरण के साथ-साथ NADCP भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि खूंटी जिले में 654618 पशु(गाय, भैस, बकरी, भेड़ तथा सुकर जाति) को खुरहा एवं थपका रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है। आगे उन्होंने बताया कि इस बीमारी से ठीक हुए पशु बहुत दिनों तक कमजोर बने रहते हैं। इनकी उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है फलतः पशुपालकों की आमदनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।