18.1 C
New Delhi
Monday, December 23, 2024
HomeLocal NewsRanchiराँची - 20 अक्टूबर 2020 को राज्यभर में सरना धर्मकोड महारैली अभूतपूर्व...

राँची – 20 अक्टूबर 2020 को राज्यभर में सरना धर्मकोड महारैली अभूतपूर्व होगी

राँची। शनिवार को 12:30 बजे प्रेस क्लब रांची में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर समस्त सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वाधान में 32 से अधिक शीर्ष सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की ओर से आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में निम्नांकित मांग, कार्यक्रम एवं रणनीति की घोषणा की गयी। 20 अक्टूबर 2020 को हमें सिर्फ सरना धर्म कोड चाहिए की मांग को लेकर राज्य भर में महारैली का आयोजन की तैयारी पूरी कर ली गयी है और यह महारैली अभूतपूर्व होगी। महारैली का स्वरूप सभी प्रखंड, अनुमंडल जिला एवं राज्य स्तर पर राजधानी रांची में होगी। रैली की सकल में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं उपायुक्त को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के पदनाम से सौपी जायेगी। राजधानी रांची में रैली हरमू मैदान और पिसका मोड़ से रातु रोड होते हुए कचहरी चौक होकर मोराबादी मैदान स्थित गांधी मूर्ति पहुंचेगी। इधर तेतर टोली,सरना स्थल बरियातू से गांधी मूर्ति मोराबादी मैदान पहुंचेगी और वहीं समाप्त होगी । रांची में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को रैली का प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपेगा।
राज्य सरकार से मांग की गई है कि झारखंड सरकार ,झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सिर्फ सरना धर्म संबंधी प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजे ताकि केंद्र सरकार जनगणना परिपत्र 2021 में सरना धर्मकोड अधिसूचित कर सके।
सरना धर्म कोड से धर्मांतरण रुकेगा और आदिवासियों का जीवन तत्व, जीवनदर्शन, जीवनशैली,सामाजिक एवं सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का व्यापक स्वरूप को आयाम प्राप्त होगा।
इसमें धर्मकोट संजीवनी का काम करेगा ।
हमें सिर्फ और सिर्फ सरना धर्म कोड चाहिए चूंकि प्रकृति पूजक, जीववाद एवं जड़ वाद के आध्यात्मिक जीवन का तत्व एवं दर्शन का आधार स्तंभ के रूप में सरना धर्म है और यही देश की अधिकांश आदिवासी आबादी को स्वीकार्य है है ।2011 जनगणना में देश के कुल आदिवासीयों में अन्य धर्म कॉलम 79.37 लाख लोगों ने अपना अपना धर्म दर्ज किया, जिसमें से 49.57 लाख लोगों ने सिर्फ सरना धर्म दर्ज किया है जो अन्य धर्म में दर्ज कुल संख्या का 62% है ।
जबकि गोंड / गोड़ी धर्म 10.26 लाख ,दोनी पालो 3.31लाख,सारी धर्म 5.06 लाख ,आदिवासी धर्म -86.87 हजार ,भील 1323 एवं अन्य तो नगण्य है। इस तरह से सरना धर्म का समस्त देश में परचम लहराया है । झारखण्ड में 2011 की जनगणना में अन्य धर्म कॉलम में कुल आदिवासी आबादी में लगभग 86 लाख में से 14 लाख के करीब ईसाई और 42.35 लाख अन्य धर्म कॉलम में अपना अपना धर्म दर्ज किया है, जिसमे 41.31 लाख लोग सिर्फ सरना धर्म दर्ज किया है, जो अन्य धर्म कॉलम में दर्ज संख्या का 97% और कुल आदिवासी आबादी का 48% है ।
सरना धर्म की पुरे देश में स्वीकृति बेमिशाल है। आगामी वर्ष 27 एवं 28 फरवरी 2021 को रांची में क्रमश: आदिवासी संस्कृति सरना धर्म संसद एवं महारैली भी आयोजित होगी। 20 अक्टूबर 2020 के राज्यव्यापी महारैली समस्त सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी सांस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में झारखण्ड के अग्रगणी संगठनों में राजी पड़हा सरना प्राथना सभा भारत , केंद्रीय सरना समिति ,आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी सेना , झारखण्ड आदिवासी संयुक्त मोर्चा , झारखण्ड सरना आदिवासी समाज , संयुक्त पड़हा महासभा सहित राज्य भर के 32 से अधिक शीर्ष संगठन शामिल है। रैली में कोविड-19 के राजकीय दिशा-निर्देश एवं शर्तों का पालन में सोसल डिस्टेंसिंग तथा मास्क लगाया जाएगा । रैली प्रजातांत्रिक, मर्यादित एवं अनुशासित होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस को सर्वश्री धर्मगुरू बंधन तिग्गा, शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव, सर्वश्री नारायण उरॉव , रवि तिग्गा, सुशील उरांव ,शिवा कच्छप , रमेश उरॉव, संजय कुजूर, प्रभात तिर्की ,प्रदीप तिर्की ,शंकर बेदिया, सुखराम पहन ,कमले उरॉव ,दिनेश उरॉव , संध्या उरॉव ,रेणु उरॉव ,सुकेश उरॉव ,आदि ने संबोधित किया। न्यूज़ सोर्स न्यूज़ मकरान्त देवघर

Most Popular

Recent Comments