देवघर(कास)। कहते है एक बंदर अर्थात हनुमान हनुमान जी ने कई देवी-देवताओं पर विजयी प्राप्त करनेवाला और लक्ष्मी- सरस्वती को अधिकार में रखनेवाला,शनिदेव को कैद करने वाला लंकाधीश लंकेश रावण की सोने की नगरी को क्षणभर में राख कर देनेवाला हनुमान जी वंशजो अर्थात बानरो का प्रकोप इन दिनों जिले के देवघर प्रखंड क्षेत्र स्थित जसीडीह थाना क्षेत्र स्थित संग्रामलोढिया गांव में देखा जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो रामायण के बानर भले ही रासक्षो के विनास के लिए आर्य वंशी श्री राम के साथ मानव जाति के कल्याण के लड़े और लंका विजयी दिलाने महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायी, आधुनिक काल के ये बानर अपने वंश अर्थात नर के बाबा ये बानर अपने वंशजो पर काल बनकर लोगो पर टूटते और हैरान-परेशान करते नजर आ रहे है। बताते है उक्त गांव में दर्जनों बानरो का एक दल पहुँच गया है। उक्त गांव के किसान और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विपिन देव का कहना है कि जब से इन दर्जनों बानरो का दल उनके गांव में पहुँचा है तबसे ग्रामीणों, बच्चे और किसानों में दहशत फैल गया है। एक ओर लोग जहां बन्दरो के काट खाने से चिंतित और दहशत में है, इनकी दूसरी चिंता इन बन्दरो द्वारा खेत-खलिहान में रखे फसलों को बर्बाद करने या उसे खा जाने से है। लोग बताते है कि न सिर्फ इन बन्दरो ने मक्का और साग-सब्जी, तेलहन-दलहन के फसलों को लगातार बर्बाद करने में जी-जान से जुटे है, इतना ही नही इन बन्दरो का इतना उत्पात देखा जा रहा है कि ये कच्चे दीवाल और घास- फूस से बने मकानों को उजाड़ने से गुरेज नही करते है और अगर इन्हें भगाने की कोशिश करता है तो उन पर खिखियाते हुए हमला करते है। लोगो का कहना है कि इन बन्दरो से निजात दिलाने के लिए कई बार विभागीय अधिकारियो को बताया गया किन्तु कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात वाली कहावत ही चरितार्थ हुआ। न्यूज़ सोर्स न्यूज़ माक्रान्त देवघर