देवघर जिला कांग्रेस ने किसान अधिकार दिवस मनाया। जिला अध्यक्ष मुन्नम संजय की अगुवाई में केंद्र सरकार के द्वारा कृषि प्रधान देश के किसानों के विरुद्ध में तीन काला कानून के खिलाफ टावर चौक स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर सत्याग्रह किया। सत्याग्रह देश के महान नेता, किसान आंदोलन के नायक,देश के प्रथम गृह मंत्री लोह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जयंती पर तथा हरित क्रांति के माध्यम से भारतीय कृषि को निर्वाह स्तर से ऊपर उठाकर आधिक्य स्तर पर लाने वाली आयरन लेडी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि पर संपन्न हुआ। सत्याग्रह के पूर्व सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं श्रीमती इंदिरा गांधी के मूर्ति व तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सत्याग्रह में मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष और संथाल परगना के प्रभारी राजेश ठाकुर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी आजादी के बाद ही नहीं आजादी के पूर्व में भी देश के अन्नदाता किसान के हित के लिए संघर्ष और आंदोलन करते आ रही है। इसका प्रमुख उदाहरण सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा गुजरात में 1918 के खड़ो आंदोलन एवं 1928 में गुजरात के वारडोली आंदोलन का अगुवाई कर अंग्रेजी हुकूमत के घुटने टेकवाने का काम किए हैं। वहाँ अकाल के दरमियान में रियासतों द्वारा अधिक कर लगाया गया था। आंदोलन के कारण कर बढ़ोतरी को वापस लेने पड़ा कर को माफ करना पड़ा।बारडोली आंदोलन के द्वारा ही बल्लभ भाई पटेल को वहाँ
के कृषकों ने सरदार की उपाधि दी। आजादी के बाद कांग्रेस के शासनकाल में देश के अन्दर दर्जनों बड़े-बड़े डेम निर्माण कर कृषि क्षेत्र में विकास लाने का काम किया। 1960 से 70 के दशक में जब देश में अकाल हुई थी। लोग भुखमरी से जूझ रहे थे। अनाज के लिए देश दूसरे देशों पर आश्रित था।उसी समय देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति के माध्यम से सिंचित तथा असिंचित जमीन में अधिक ऊपज पारंपरिक कृषि को आधुनिक तकनीकी द्वारा कराने का काम की। प्रतिस्थापित कर गुणात्मक वृद्धि पर योजनाकारों, कृषि विशेषज्ञों एवं राजनीतिज्ञों ने इस अप्रत्याशित प्रगति को हरित क्रांति का नाम दिया। कृषि में तकनीकी एवं संस्थागत सुधार, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग, उन्नतशील बीजों का प्रयोग, सिंचाई की सुविधा,पौध संरक्षण, बहू फसली कार्यक्रम,आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग, मृदा परीक्षण,भूमि संरक्षण, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान,उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि,कृषि के परंपरागत स्वरूप में परिवर्तन आदि नितियों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाया। उसी दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया।कांग्रेस शासन में किसानों का ऋण माफी कर आथिर्क मजबूती दी गई। वहीं इसके विपरीत मोदी सरकार चंद पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर उन्हें लाभ पहुंचाने के नियत से कृषि क्षेत्र को भी निजीकरण करने की मंसा से इस बिल को लागू किया गया है।यूनतम समर्थन मूल्य को हटा दिया गया, कालाबाजारी और जमाखोरी के लिए भंडारण की सीमाएं हटा दी गई,कांट्रेक्ट फार्मिंग के द्वारा कंपनी को लाभ दिया जाएगा। ऐसे कानून लागू कर देश के किसान,मजदूर एवं कृषि क्षेत्र के संबंधितआढ़तियों, मंडियों को कमजोर करने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी लगातार आंदोलन के माध्यम से विल वापसी की मांग करती है। आगे पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि हार की हताशा में भाजपा ने आपा खो दिया है। रघुवर दास के संपर्क में रहकर दीपक प्रकाश भी अनर्गल लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। बेरमो और दुमका विधानसभा उपचुनाव के बाद सरकार गिरा देंगे। ऐसे बयान लोकतंत्र की गला घोंटने वाली बयान है। ऐसे बयान से भाजपा को परहेज करनी चाहिए। दुमका और बेरमो उपचुनाव महागठबंधन भारी मतों से जीतेगी। जहां दुमका हेमंत सोरेन 12000 वोट से जीते थे, वही बसंत सोरेन 25000 से भी अधिक मतों से जीतेंगें।
देवघर जिला अध्यक्ष मुन्नम संजय ने कहा कि पार्टी के निर्देश पर किसान आंदोलन जारी है। किसान के हित में तीनों बिल को केन्द्र जल्द वापस लें। कांग्रेस ने जब सत्याग्रह चलाया तो अंग्रेजों को खदेड़ा और फिर से हम सत्याग्रह पर उतर आए हैं,मोदी जी को भागना पड़ेगा। इस मौके पर जिला के वरिष्ठ नेता प्रो. उदय प्रकाश,अजय कुमार, कुमार विनायक, दिनेशानंद झा, डॉ गौरव, मीडिया प्रभारी दिनेश कुमार मंडल, जियाउल हसन, मकसूद आलम, मुजीब खान,रवि गुप्ता, सुखदेव दुबे,अवधेश प्रजापति, अर्जुन रावत, प्रमिला देवी,नाहीद सुल्तान,राधा पाल, प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र नारायण सिंह, सुधीर देव, प्रदीप नटराज, पंजाबी राउत, नाजाबूल अंसारी, राजकुमार शर्मा, केदार दास, गुलाब यादव, युवा कमेटी के अंकुर आनंद, विशाल बत्स, महादेव पंडित, विजय नाथ मिश्र, सेवादल के ओम प्रकाश यादव, शैलेश कुमार मालवीय,नंदलाल यादव, जमुना प्रसाद यादव, अशोक झा, मुजीब खान, अमरनाथ राय, अनिल रावत, सईद अंसारी, विकास दास, बालेश्वर वर्मा, प्रियांशु कुमार, सुशील कुमार देव, अर्जुन मंडल, सदाशिव राणा, अशोक मोदी, मो. शहाबुद्दीन, अभय कुमार, अनूप यादव, सौरव यादव, अनिल राउत,चंदन कुमार,अर्जुन सिंह, नकुल दास,आदि मौजूद थे।