आज उपायुक्त, श्री शशि रंजन की अध्यक्षता में पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान चर्चा के क्रम में ए, बी, सी, डी यथा अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य एवं स्थानीय स्तर के पर्यटन स्थलों की श्रेणियों के आधार पर विचार-विमर्श किया गया।
मौके पर उपायुक्त द्वारा बताया गया कि खूंटी जिले में पर्यटन की अधिक संभावनाएं हैं। खूंटी पर्यटन का आकर्षण केंद्र है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रयास किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि लतरातु डैम को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उदेद्श्य से उक्त स्थल का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पेरवाघाग, पंचघाघ, दसम फॉल, लटरजंग, पेलोल डैम आदि पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिसम्बर, जनवरी व फरवरी माह में अधिक संख्या में पर्यटकों आते हैं।
*बैठक के दौरान बताया गया कि स्वच्छता के दृष्टिकोण व स्थानीय लोगों के रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का स्वयं भोजन बनाने पर रोक रहेगी।* ऐसा देखा जाता है कि पर्यटकों द्वारा भोजन बनाने के क्रम में स्थल पर गंदगी की जाती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा निश्चित स्थलों पर पर्यटकों के लिए भोजन तैयार किये जायेंगे। इसमें सखी मण्डल की दीदियों को भी जोड़ा जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। इसी क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि सभी पर्यटन स्थलों पर किसी भी प्रकार के थर्माकोल व सिंगल यूज़ प्लास्टिक की प्लेटें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी। पर्यटक स्थानीय लोगों द्वारा बनाये गए पत्तल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही नियमों का पालन न करने वालों व गंदगी के कारक बनने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय वस्तुओं व बाजार को बढ़ावा देने हेतु पर्यटकों से स्थानीय सामग्रियों का प्रयोग किये जाने हेतु आवश्यक रूप से प्रयास भी किये जायेंगे। बैठक के दौरान पर्यटन स्थलों में चार पहिया वाहनों के लिए 40 रुपये पार्किंग व दो पहिया वाहनों के लिए 20 रुपये पार्किंग शुल्क का निर्धारण किया गया।
*इसी कड़ी में उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी विकसित पर्यटन स्थलों पर पर्यटन समिति का गठन किया जाना चाहिए।* उक्त समिति द्वारा पर्यटन स्थल की देख-रेख, साफ-सफाई, पार्किंग आदि रख-रखाव किया जाएगा। उक्त समिति के अध्यक्ष के रूप में सम्बंधित प्रखण्ड विकास पदाधिकारी रहेंगे, संयुक्त सचिव के रूप में मुखिया एवं सदस्यों के रूप में वार्ड पार्षद, पंचायत सेवक,पंचायत समिति के सदस्य, पर्यटन मित्र व अन्य रहेंगे। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि इन पर्यटन समिति के पूर्ण प्रबन्धन का दायित्व जिला परिषद, खूंटी का होगा। साथ ही राजस्व संग्रहण का 20 प्रतिशत भाग जिला परिषद का होगा एवं शेष 80 प्रतिशत सम्बंधित समिति द्वारा प्रबन्धन आदि के कार्यों में प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा सी.ई.ओ, जिला परिषद द्वारा सभी पर्यटन स्थलों में मूल आवश्यकताओं, शौचालय व पेयजल आदि की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाएगी। मौके पर उपायुक्त द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत को चलंत शौचालय के क्रय हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि जिन पर्यटन स्थलों में नेटवर्क नहीं है, इसके लिए टेलीकॉम नेटवर्क को सूचित किया जाय। उन्होंने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों पर कूड़ेदान आदि की भी व्यवस्था रखी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंचघाघ जलप्रपात में सुविधा व मरम्मती हेतु विभाग को प्रस्ताव भेजा जाय। साथ ही पंगुरा फॉल व पेलोल डैम के लिए पहुँच पथ हेतु सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा बताया गया कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटन स्थलों के हाई रिस्क जोन व लो रिस्क जोन हेतु एरियल फोटोग्राफी के माध्यम से ब्लैक, रेड व ग्रीन स्पॉट को चिन्हित किया जाएगा, साथ ही इससे संबंधित बैनर लगाकर लोगों को सचेत भी किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक सप्ताह प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी व थाना पर प्रभारी द्वारा संयुक्त रूप से पर्यटन स्थलों का निरीक्षण किया जाय। ताकि सुरक्षा व सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके।
*उपायुक्त द्वारा बताया गया कि इसकी बेहतरी के लिए कॉलेज के छात्र-छात्राओं को पर्यटन से सम्बंधित इंटर्नशिप उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया जाएगा।* इसमें उनके द्वारा पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर उसकी फटॉग्राफी आदि के कार्यों में शामिल होकर बेहतर रूप
से कार्य किये जा सकेंगे। साथ ही सभी स्थलों पर इमरजेंसी रेस्पॉन्स नम्बर, इसमें प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी व थाना प्रभारी का नम्बर प्रदर्शित होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पर्यटन स्थलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेस्क्यू की सामग्री व सेफ्टी किट की उपलब्धता की जाय। साथ ही आपदा प्रबंधन ऑथोरिटी द्वारा सभी पर्यटन मित्रों के लिए प्राशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों पर संबंधित जीओलॉजिकल/ऐतिहासिक/सांस्कृतिक महत्व व जानकारी युक्त पोस्टर/बैनर लगाए जाएंगे। इससे लोगों को उचित रूप से जागरूक किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सभी प्रकार के सम्भव प्रयास किये जाय, जिसका सीधा लाभ क्षेत्र के विकास व क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।