जिला प्रशासन एवं सेवा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा संयुक्त रूप से जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन चलाया जा रहा है। इसमें ग्रामसभाओं की अहम भूमिका प्रदर्शित है। इसी क्रम में संयुक्त प्रयास के बल पर आज जिले के अंतिम छोर पर बसे मुरहू प्रखंड के रूमुतकेल पंचायत अंतर्गत बडा डाहंगा गांव के नाले पर दो और छोटा डाहंगा में तीन, कुल पांच बोरीबांध बनाये गए। उप विकास आयुक्त, श्री अरूण कुमार सिंह, मुरहू के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, श्री प्रदीप भगत, कनीय अभियंता आलोक सिंह, पंचायत सचिव उमेश्वर काशी समेत रोजगार सेवक, पंचायत समिति सदस्य क्लेमेंट होरो, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष समेत गांव के पुरूष, महिलाऐं, युवक-युवतियों ने श्रमदान किया। इस
मौके पर उप विकास आयुक्त, श्री अरूण कुमार सिंह ने कहा कि जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन सराहनीय है। खूंटी के दुर्गम इलाके में पानी दुर्लभ होता जा रहा है। भूगर्भिय जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए सेवा वेलफेयर सोसाईटी और ग्रामीणों के द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से जल के लिए चलाया जा रहा यह आंदोलन सराहनीय है। डाहंगा में पूर्व से आदिवासियों द्वारा पत्थरों से की गई मेढ़बंदी, पत्थर और बोरियों से हुए बांध निर्माण से सीख लेने की बात उन्होंने कही। इसके अलावा गांव के लोग साग-सब्जी की खेती करेंगे।
डाहंगा के ग्रामीण एतवा कंडुलना ने कहा कि बोरीबांध बनने के कई लाभ गांव को मिलेंगे। लोग जहां गेंहूं और सब्जी की खेती कर सकेंगे। वहीं नहाने-धोने, मवेशियों को पानी पिलाने में सुविधा होगी।
इन ग्रामीणों ने किया श्रमदान–
सुबासी तोपनो, सबीता सोय, जोनेत हस्सा पुर्ती, मरियम डंगवार, राहिल डंगवार, अस्मिता डंगवार, जोहन कंडुलना, ख्रिस्टोफर कंडुलना, अनिल कंडुलना, सुशील कंडुलना, रंजीत कंडुलना, कालेब कंडुलना, अरविंद कंडुलना, प्रभूसहाय कंडुलना, भुषण सुरीन, मंगरा, सींगा डंगवार, जोहन डंगवार, मंदरू डंगवार, एतवा पुर्ती, सिमोन भेंगरा, जादो पुर्ती, जोवाकिम पुर्ती, सिंगा बोदरा, बुटका बोदरा,मिखाईल हस्सा पुर्ती समेत छोटा और बड़ा डाहंगा के सभी ग्रामीणों ने इन पांच बोरीबांधों के निर्माण में मदईत किया।