रांची – राजधानी के 1.5 लाख से अधिक घरों को पानी पिला रहे हटिया डैम बड़े संकट में है. दरअसल इस डैम और इसके कैचमेंट एरिया हेतु अधिग्रहित भूमि को भू-माफियाओं ने पूरी तरह से अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कर लिया है. हटिया डैम और इसके कैचमेंट एरिया में अधिग्रहित भूमि के हुए सर्वे से इसका पता चला है.
सीओ ने 67 अतिक्रमणकारियों से मांगा जवाब
दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका [खुशबू कटुरुका बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य {WP (PIL)-1468/2020}] के आलोक में रांची डीसी ने नगड़ी सीओ को डैम और कैचमेंट एरिया में अधिग्रहित भूमि का सर्वे कराने का निर्देश दिया था. सर्वे में पता चला है कि 67 लोगों ने डैम के चारों तरफ पड़नेवाले पांच मौजा में भूमि का अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया है.
इन मौजा में हड़सेर, होटवासी, बालालौंग, लाबेद और सेम्बो शामिल हैं. ऐसे लोगों को अब प्रशासन ने नोटिस भेज अतिक्रमण के संबंध में 19 दिसंबर तक स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
कैचमेंट एरिया के अतिक्रमण से सिकुड़ता जा रहा कैचमेंट एरिया
हटिया डैम के किनारे रिंग रोड और अन्य निर्माण होने के कारण पहले से ही डैम में आनेवाला बरसाती पानी अब डैम तक बहुत कम पहुंच पाता है. इससे डैम में लगातार पानी की कमी होती जा रही है. ऊपर से डैम का कैचमेंट एरिया, जो पहले कभी कर्रा, बेड़ो और लापुंग तक फैला था, वह भू-माफियाओं के अतिक्रमण के कारण काफी सिकुड़ता जा रहा है. इसका असर डैम में पानी के स्तर पर पड़ रहा है.
बता दें कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी, झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन, सचिवालय और इनसे जुड़ी आवासीय कॉलोनी को पानी की आपूर्ति भी इसी हटिया डैम से होनी है. ऐसे में डैम के जलस्तर पर असर पड़ना तय है. हालांकि, हटिया डैम में पानी का जलस्तर बना रहे, इसके लिए बीते दिनों ही राज्य सरकार ने एक पहल भी शुरू की है.